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‘BJP दे रही जनता को धोखा’ शेखावत के बयान पर गहलोत का पलटवार, ERCP पर फिर गरमाई सियासत

ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) को लेकर एक बार सियासत फिर से गरमाती नजर आ रही है। इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के बीच तीखी बयानबाजी हुई।
07:09 AM Aug 26, 2023 IST | Anil Prajapat
Ashok Gehlot, Gajendra Singh Shekhawat

जयपुर/टोंक। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) को लेकर एक बार सियासत फिर से गरमाती नजर आ रही है। इस मामले में शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के बीच तीखी बयानबाजी हुई। केन्द्रीय मंत्री शेखावत कहा कि गहलोत इस परियोजना को लेकर केवल भ्रम फैला रहे हैं, लेकिन जनता के सामने अब वे बेनकाब हो चुके हैं। वर्तमान में ये सरकार जिसे ईआरसीपी का नाम दे रही है, उससे केवल तीन जिलों को पीने का पानी मिलेगा।

शेखावत ने कहा कि राजस्थान की जनता ने गहलोत सरकार को विदा करने का मन बना लिया है। अगली सरकार भाजपा की बनेगी और कैबिनेट की पहली बैठक में ईआरसीपी को स्वीकृति देकर पूर्वी राजस्थान के पूरे 13 जिलों में पीने और सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जाएगा।

मेरी जिद है कि ERCP काे पूरा करके ही रहूंगा

इस मामले में गजेन्द्र सिंह शेखावत पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा ने राजस्थान राज्य के साथ धोखा किया है। जयपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बोलने के बाद क्या कारण है कि आप इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं कर रहे। उनकी जिद है इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करने की, मेरी जिद है कि इस योजना को पूरी करके रहूंगा। गहलोत ने कहा कि राजस्थान का माहौल देखकर लगता है कि इस बार कांग्रेस दोबारा विजय हासिल करेगी, हमारी सरकार बरकरार रहेगी।

गहलोत जिस योजना की बात कर रहे, उससे तीन जिलों काे ही लाभ

टोंक में पत्रकारों से बातचीत में केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी को लेकर गहलोत सरकार राजनीति कर रही है। इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए जो तकनीकी स्वीकृतियां देनी चाहिए थीं, वो राज्य सरकार ने केन्द्र को आज तक नहीं दी हैं। अब इस मुद्दे पर गहलोत सरकार बेनकाब हो रही है और जनता का भ्रम दूर हो रहा है। गहलोत जिस ईआरसीपी को खुद पूरा करने की बात कह रहे हैं, उससे मात्र तीन जिलों जयपुर, टोंक और अजमेर की प्यास बुझेगी। भरतपुर, अलवर सहित पूर्वी राजस्थान के शेष जिलों के कंठ प्यासे ही रहेंगे।

राजनीति के चलते अटकी योजना

शेखावत ने कहा कि किसी परियोजना को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा देने के लिए पर्यावरण, वन, वित्तीय और तकनीकी क्लीयरेंस जरूरी है, लेकिन इस मामले में गहलोत सरकार तकनीकी स्वीकृतियां उपलब्ध नहीं करा पाई। उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में राज्य की कुल आबादी के 40 प्रतिशत लोग रहते हैं। गहलोत सरकार की राजनीति के चलते इन 13 जिलों की जनता त्रस्त और बदहाल है। इसी कारण यह महत्वाकांक्षी परियोजना सिरे नहीं चढ़ पाई है।

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