पायलट ने वसुंधरा राज में हुए भ्रष्टाचार गिनाए तो BJP भड़की, पूछा- गहलोत सरकार के काले कारनामों पर 'मौन' क्यों?
जयपुर। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट द्वारा वसुंधरा राज में हुए भ्रष्टाचार गिनाए जाने पर बीजेपी बुरी तरह बौखला गई है। प्रदेश की पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार पर खान और बजरी घोटाले जैसे आरोप लगाने वाले सचिन पायलट पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने तीखा हमला बोला। साथ ही पूछा कि अपनी ही सरकार के काले कारनामों पर मौन क्यों है? पायलट की पीसी के बाद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट पूर्ववर्ती भाजपा शासन पर अनर्गल आरोप लगा रहे है। लेकिन, उन्होंने अपनी ही सरकार के काले कारनामों पर एक भी शब्द नहीं बोला। सचिन पायलट को कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की भी निष्पक्ष जांच की मांग उठानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की अंतर्कलह इस कदर बढ़ी हुई है कि अब पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन करेंगे। वो जयपुर में शहीद स्मारक पर 11 अप्रैल को अनशन पर बैठेंगे। लेकिन, प्रदेश की जनता करीब चार साल से इन दोनों की लड़ाई के बीच में पिस रही है। गहलोत-पायलट की लड़ाई के कारण प्रदेश का विकास अटका हुआ है। गहलोत राज में प्रदेश की हर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के नामजद एक-एक मिनी मुख्यमंत्री के कारनामों की जांच कराई जाएं, ताकि गहलोत राज में हो रहे भ्रष्टाचारों की हकीकत राजस्थान की जनता के सामने आ सके।
अडानी समूह को आरटीपीपी एक्ट की धज्जियां उड़ाते हुए दी मंजूरी
नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद पहली बार जयपुर से सीकर पहुंचे राजेंद्र राठौड़ ने मीडिया से मुखाबित होते हुए कहा कि गहलोत सरकार ने अडानी समूह को आरटीपीपी एक्ट की धज्जियां उड़ाते हुए मंजूरी दी। सिंगल टेंडर के जरिए 1042 करोड़ रुपए में 5.79 मिलियन टन कोयला खरीदा, जो अब तक सबसे महंगी खरीद है। ऐसे में पायलट को कोयला खरीदने की मंजूरी मामले में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग भी करनी चाहिए।
जयपुर-जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम घोटाला
राठौड़ ने गहलोत राज हुए भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए कहा कि निजी विद्युत उत्पादनकर्ताओं से महंगी विद्युत खरीद घोटाला हो या जयपुर-जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम घोटाला। इन सभी की जांच होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि 1 लाख 4 हजार कृषि कनेक्शन टर्न की प्रोजेक्ट पर देने के लिए 1600 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ और भ्रष्टाचार कर 6 बार निविदाओं की शर्तों में मनमाफिक बदलाव कर गहलोत सरकार ने चांदी कूटी, इसकी भी जांच होनी चाहिए। राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार इस कदर है कि सीएम गहलोत ने खुद पीडब्ल्यूडी विभाग में भ्रष्टाचार को स्वीकारते हुए कहा था कि अफसरों और ठेकेदारों की सांठगांठ के चलते प्रदेश की सड़कें बर्बाद हो गई है।
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