पाक से ड्रोन के जरिये भारत भेजी जा रही नशे की खेप, तस्करों की कमर तोड़ने के लिए BSF ने बनाया ये प्लान
जयपुर। पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हो रही हेरोइन तस्करी रोकने के लिए अब बीएसएफ ने नया प्लान बनाया है। बीएसएफ ने भारत-पाकिस्तान सीमा (India-Pak border) पर जैमर लगाने का फैसला किया है, ताकि पाक से आने वाले नशे की खेप पर लगाम लगाई जा सके। जानकारी के मुताबिक बीकानेर में खाजूवाला व सतराना बीएसएफ चौकी पर जल्द ही जैमर लगाए जाएंगे। इसके लिए वायुसेना ने नाल एयरबेस व छावनी एरिया को जैमर व एंटी ड्रोन गन से लैस किया है।
बता दें कि आए दिन पाकिस्तान की नापाक हरकतें सामने आती रही है। पाक से राजस्थान से लगी सीमा के रास्ते ड्रोन के जरिये नशे की खेप भेजी जाती है। लेकिन, नशे की तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ जवान अलर्ट मोड़ पर है और पाक की नापाक कोशिश को असफल कर देते है। पाकिस्तान ने पिछले 6 महीने में ड्रोन के जरिए भारतीय सीमा में 55 करोड़ रुपए की हेरोइन भेजी है, जिसे बीएसएफ ने जब्त किया है। साथ ही अब तक एक दर्जन से ज्यादा तस्करों को पर शिकंजा कसा है।
6 महीने में 55 करोड़ रुपए की हेरोइन पकड़ी
बीएसएफ के डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि पाक ड्रोन से हो रही हेरोइन तस्करी चिंता का विषय है। इसे रोकने के लिए बीएसएफ के जवान अलर्ट मोड़ पर है। पुलिस के साथ जवानों की पेट्रोलिंग भी बढ़ाई है। एंटी ड्रोन गन का भी उपयोग किया जा रहा है। लेकिन, अब पश्चिमी सरहद को हाई फ्रीक्वेंसी के जैमर से लैस करने की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सेना ने पिछले 6 महीने में 55 करोड़ रुपए की हेरोइन पकड़ी है, जो ड्रोन के जरिये पाकिस्तान से भारत में भेजी गई थी। ऐसे में अब बॉर्डर की सीमा चौकियों पर जैमर लगाने का फैसला लिया है, ताकि ड्रोन के जरिये होने वाली हेरोइन तस्करी पर पूरी तरह लगाम लगाई जा सके।
जैमर लगाने से टूटेगा तस्करों का संपर्क
पिछले कुछ सालों में राजस्थान से लगती पाक सीमा पर हेरोइन तस्करी की घटनाएं बढ़ी है। पंजाब के सरगना और पाक तस्कर राजस्थान को सबसे सेफ मानते है, क्योंकि राजस्थान भारत के पश्चिमी छोर पर पाक के साथ करीब 1,037 किमी लंबी सीमा साझा करता है। ऐसे में कोड वर्ड के सहारे डील के बाद पंजाब के सरगना हेरोइन लेने के लिए राजस्थान की उस सीमा पर पहुंचते है, जहां पर ड्रोन के जरिये हेरोइन भेजी जाती है। डिलीवरी नहीं मिलने तक पाक और भारत के तस्कर लगातार संपर्क में रहते है। लेकिन, जैमर के कारण ड्रोन उस चौकी की तरफ नहीं आ पाएगा, जहां पर जैमर लगाए जाएंगे। साथ ही तस्करों को मोबाइल भी काम नहीं करेगा, जिससे वो पाक में बैठे सरगनाओं से संपर्क नहीं साध पाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि तस्करी रोकने में जैमर काफी फायदेमंद साबित होंगे।
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