हल हुई विज्ञान की बड़ी पहेली! चंद्रमा पर बिखरे मोतियों में है टनों पानी
क्या अंतरिक्ष में जीवन संभव है? क्या चंद्रमा पर पानी मौजूद है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब लंबे समय से वैज्ञानिक खोज रहे हैं। चंद्रमा पर अरबों टन पानी की खोज कर ली है, जो सतह पर बिखरे कांच के छोटे-छोटे मोतियों में कैद है। यह चंद्रमा की सतह पर भविष्य की इंसानी गतिविधियों के लिए बहुमूल्य संसाधन का एक संभावित भंडार साबित हो सकता है।
यह देखा गया है कि चंद्रमा पर पानी मौजूद है, सतह पर भी और खनिजों के रूप में भी। वैज्ञानिकों ने सोमवार को कहा कि 2020 में चीन के रोबोटिक चांग ई-5 मिशन मिशन के दौरान धरती पर लाई गई चंद्रमा की मिट्टी की जांच से पता चलता है कि कांच के इन गोलों के भीतर पानी के अणु मौजूद हैं जो चंद्रमा की सतह पर सौर हवा की क्रिया के माध्यम से बनते हैं।
अंतरिक्ष यात्रियों को कैसे मिलेगा पानी?
शोधकर्ता कांच के मोतियों से पानी हासिल करने की उम्मीद में हैं। हू ने कहा, ‘हम इन कांच के मोतियों को गर्म करके पानी को प्राप्त कर सकते हैं।’ पृथ्वी पर चंद्रमा की मिट्टी के नमूने लेकर आने वाला कैप्सूल इनर मंगोलिया के उत्तरी चीनी क्षेत्र में उतरा था। चांग ई-5 मिशन मिशन में करीब 1.7 किग्रा मिट्टी और कांच के 32 मोती इकट्ठा किए गए थे, जो 10 से सैकड़ों माइक्रोमीटर चौड़े थे। कांच के मोतियों में वजन के हिसाब से प्रति मिलियन लगभग 2,000 भागों तक पानी की मात्रा पाई गई।
कांच के गोलों में कैसे बनता है पानी?
सौर हवा आवेशित कणों, मुख्य रूप से प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों की एक धारा होती है जो सूर्य के वायुमंडल के सबसे बाहरी भाग, कोरोना से बाहर की ओर निकलती है। हू ने कहा, ‘सौर हवा से पैदा होने वाले पानी का उत्पादन कांच के मोतियों की सतह पर मौजूद ऑक्सीजन के साथ सौर हाइड्रोजन की प्रतिक्रिया से होता है। भविष्य के मून मिशन के लिए और चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों के लंबे समय तक रुकने के लिए पानी बेहद अहम है, न सिर्फ पीने के लिए बल्कि ईंधन के रूप में भी।
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