JDA अफसरों का बड़ा खेल, फर्म के लाभ के लिए 17.5 गुणा अधिक में दुबारा टेंडर
(नरेंद्र चतुर्वेदी) : जयपुर। जमवारामगढ़ के भानपुर कलां गांव में 23 जून को हुई मुख्यमंत्री की सभा में देरी के मामले में जेडीए के अधिकारियों की टेंट लगाने वाली फर्म के साथ मिलीभगत सामने आई है। इस फर्म को जेडीए की ओर से दो साल के लिए अनुबंधित कर दिया गया था, उसी फर्म को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जेडीए ने टेंडर जारी होने के बाद भी डोम लगाने के लिए दुबारा रेट मांग ली थी। हैरानी की बात ये है कि डोम लगाने की रेट भी मौजूदा दर 1.40 की जगह 24 रुपए की दर पर यानी कि करीब 17.5 गुना ज्यादा राशि में डोम लगाने का ठेका दे दिया।
टेंट लगाने में देरी का मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने के बाद आरएएस अधिकारी अनिता खटीक और स्टोर केयर टेकर मोहन लाल रैगर को निलंबित कर इति श्री कर ली, जबकि संबंधित फर्म के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। फर्म अग्रवाल टेंट हाउस ने मुख्यमंत्री की सभा में डोम लगाने के लिए रेट बढ़वाने के चक्कर में समय से कार्य शुरू नहीं किया, जिसके फलस्वरूप सभा के दिन समय पर डोम नहीं लग पाया और मुख्यमंत्री को झूठ बोल कर अंधड़ आने की वजह से डोम का गिरना बता दिया।
जेडीए अधिकारियों ने अनुबंधित फर्म अग्रवाल टेंट हाउस सेमिलीभगत कर मौजूदा टेंडर की दर को नियमों के विपरीत जाकर करीब 17.5 गुना दर में दुबारा टेंडर जारी कर दिया। एक प्रतिनिधि ने बताया कि 23 जून को हुई सभा के लिए 20 को डोम लगाना था, सामान भी आ गया। हमने कई बार कहा, लेकिन डोम लगाने आए लोगों ने अनसुना कर दिया।
सभा से एक दिन पहले जारी लेटर पर उठे सवाल
जेडीए की ओर से वर्ष 2022 में दो साल के लिए करीब तीन करोड़ के कार्यों के टेंट सम्बंधी कार्याें के लिए खुली निविदा मांगी गई थी, जिसमें जयपुर की फर्म अग्रवाल टेंट हाउस को नियमों के आधार पर दो साल के आधार पर टेंडर जारी कर दिया गया। टेंडर में फर्म ने डोम की रेट 1.40 रुपए प्रति स्क्वायर फीट की रेट दी थी।
23 जून को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा निश्चित होने बाद जेडीए ने संबंधित फर्म सभा से एक दिन पहले ही डोम लगाने के लिए दुबारा रेट मांग ली, जबकि नियमों के अनुसार एक बार रेट खुलने के बाद जारी टेंडर में रेट को बढ़ाया नहीं जा सकता था। डोम लगाने की रेट कई गुना बढ़ने से जेडीए और फर्म की मिलीभगत मानी जा रही है।
हो सकता था बड़ा हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सभा में करीब 30 हजार लोग शामिल हुए थे। मौसम बिगड़ने के कारण अग्रवाल टेंट हाउस को जर्मन डोम लगाने के निर्देश दिए थे। फर्म ने सभा से एक दिन पहले डोम लगाना शुरू किया, समय पर डोम पूरा नहीं लग पाया। ऐसे में अगर वाकई में सभा स्थल पर अंधड़ आ जाता तो भारी क्षति हो सकती थी। इस संबंध में जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त डाॅ. जोगाराम से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
मेरा कोई लेना-देना नहीं
निलंबित आरएएस अनिता खटीक का कहना है कि मैंने तो विभाग की ओर से जारी निर्देश की पालना की थी। अब उसी फर्म से दुबारा क्यों रेट ली गई, इसका तो शीर्ष अधिकारी ही बता सकते है। टेंडर की प्रक्रिया उच्च स्तर पर होती है। मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।
ये खबर भी पढ़ें:-कौन होगा ब्यूरोक्रेसी का नया बॉस? CS बनने की दौड़ में 2 महिला IAS का नाम सबसे आगे