2 करोड़ के घूसकांड में फंसी दिव्या को लेकर बड़ा खुलासा, ADG के आदेश के बाद भी आरोपी को नहीं किया था अरेस्ट
अजमेर। राजस्थान पुलिस के ध्येय वाक्य ‘अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास’ से बिल्कुल विपरीत काम करती थी 2 करोड़ रुपए के घूसकांड में फंसी एसओजी की निलंबित एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल। इसकी बानगी जब उनकी कुंडली खंगाली तो सामने आया कि मित्तल ने नशीली दवाओं के माफिया तक पहुंचाने वाले गवाह को ही गिरफ्तार कर लिया तो वहीं एक आरोपी को एडीजी के आदेश के बाद भी दो मामलों में गिरफ्तार नहीं किया।
आरोपी ने इसकी एवज में एसओजी की भी पूरी सेवा की। एसओजी की टीम जब देहरादून गई तो आरोपी सुनील नंदवानी ने ही उन्हें लग्जरी होटल क्लार्क्स कलेक्शन में रूकवाया और उनकी पूरी सेवा की। इस टीम में स्वयं एएसपी दिव्या मित्तल भी मौजूद थी। इस होटल का पूरा बिल नंदवानी की ओर से दिया गया।
दो बार ले चुके हैं सेवा
एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल ने हिमालय मेडिटेक प्राईवेट लिमिटेड के संचालक सुनील नंदवानी को अप्रेल 2022 में गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया था। इसके बाद आरोपी को देहरादून ले जाया गया। एएसपी मित्तल स्वयं टीम के साथ गई थी और इनकी व्यवस्था देहरादून के नंदा की चौकी स्थित लग्जरी होटल क्लार्क्स कलेक्शन में की गई थी। रिमांड पर चल रहा आरोपी सुनील भी इसी होटल में रूका था। वहीं इसके बाद दिसम्बर माह में भी एसओजी की टीम गवाह अंकित शर्मा के लिए देहरादून गई थी। इस दौरान भी सुनील नंदवानी ने ही टीम को इस होटल में ठहराया था।
आरोपी पर मेहरबानी का कारण?
नशीली दवाओं के मामले में गिरफ्तार किए गए हिमालय मेडिटेक प्राईवेट लिमिटेड के संचालक सुनील नंदवानी की गिरफ्तारी के बाद एसओजी एटीएस के एडीजी अशोक राठौड़ ने तीनों फाइलों में गिरफ्तार करने के लिए लिखित में आदेश दिया था। इसके बावजूद भी आरोपी की केवल मात्र एक ही फाइल में गिरफ्तारी की और इसके बाद उसकी जमानत हो गई। आरोपी सुनील नंदवानी पर इस मेहरबानी का क्या कारण रहा, यह तो दिव्या मित्तल ही बता सकती है कि आखिर क्या वजह रही कि उनके विभाग के मुखिया के आदेश को साइड करके उन्होंने सुनील नंदवानी को अन्य फाइल में गिरफ्तार नहीं किया?
कम्पनी के बनने से पांच माह पहले ही नकली दवाइयां आ गई
आरोपी सुनील नंदवानी देहरादून की हिमालय मेडिटेक का संचालक है। सुनील पर दीमापुर की बायोमैक्सचर के नाम की कम्पनी की नकली दवाएं बनाने का आरोप है। दीमापुर की बायोमैक्सचर कम्पनी मई 2021 में अस्तित्व में आई थी लेकिन आरोपी सुनील नंदवानी ने जनवरी माह में ही कम्पनी के नाम से नकली दवाएं बनाकर देश भर में भेजी थी।
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ट्रांस्पोर्टर है गवाह अंकित शर्मा
नशीली दवाओं के मामले में एएसपी दिव्या मित्तल ने देहरादून के पंडितवाड़ी के रहने वाले अंकित शर्मा को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा, जबकि चार्जशीट में 40 नम्बर गवाह पर अंकित शर्मा का नाम है। अंकित शर्मा ने जांच अधिकारी को बिल बुक, बिल्टियां, चेटिंग, ऑडियो व 65 बी का प्रमाण पत्र भी उपलब्ध करवाया था। इसके बावजूद भी उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
रिसोर्ट में बना रखा है टोर्चर रूम
एसीबी के सूत्रों की मानें तो उदयपुर स्थित रिसोर्ट में एएसपी दिव्या मित्तल और बर्खास्त सिपाही सुमित ने एक टोर्चर रूम भी बना रखा था। जिसमें एक पट्टा भी मिला है जो पुलिस अक्सर आरोपियों से सच उगलवाने के काम लेती है। वहीं बताया यह भी जाता है कि एसओजी ऑफिस में भी आने वाले आरोपी और यहां तक कि गवाह को भी पट्टे का डर दिव्या मित्तल दिखाती थी। जिसके बाद अधिकांश तो मैडम के इशारे पर नाचने को तैयार हो जाते थे।
(नवीन वैष्णव)