Rakbar Mob Lynching Case : 5 साल बाद आज आएगा फैसला, छावनी में तब्दील हुआ कोर्ट परिसर
Rakbar Mob Lynching Case : अलवर। देशभर में चर्चित रकबर मॉब लिंचिंग मामले में आज बड़ा फैसला आने वाला है। इसके चलते पूरा कोर्ट परिसर छावनी में तब्दिल हो गया है। किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने कोर्ट परिसर में जगह-जगह पुलिसकर्मी तैनात है। वहीं, क्यूआरटी के जवान सादा वर्दी में लगाए गए है। खुद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह मौके पर मौजूद है। रकबर मॉब लिंचिंग केस में आज एडीजी एक में न्यायधीश सुनील गोयल आज आरोपियों पर फैसला सुनाएंगे। कोर्ट ने पहले केस के फैसले की तारीख 15 मई तय की थी। लेकिन, इस मामले में असलम के बयान पर जिरह की याचिका हाईकोर्ट में लगने के बाद 17 मई को बहस हुई। उसके बाद फैसले की तारीख 25 मई तय की गई थी। पुलिस ने इस मामले में धर्मेंद्र, परमजीत सिंह, नरेश, विजय और नवल को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया था। पांचों आरोपी अभी हाईकोर्ट से जमानत पर हैं।
छावनी में तब्दील हुआ कोर्ट परिसर
रकबर मॉब लिंचिंग के मामले में उसके परिजनों ने जिला जज अदालत में केस ट्रांसफर की याचिका भी लगाई थी। हालांकि, याचिका खारिज हो गई थी और केस एडीजे-1 की अदालत में चला। प्रशासन ने यह मामला राज्य सरकार के गृह और विधि विभाग को भेजा था। बाद में राज्य सरकार ने इसमें हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट नासिर अली नकवी को पैरवी के लिए नियुक्त किया था और उसके बाद से एडवोकेट नसीर अली नकबी अशोक शर्मा वकील मामले को देख रहे थे। लेकिन, अब इस मामले में एडीजी नंबर वन के न्यायधीश सुनील गोयल द्वारा पांचों आरोपियों को फैसला सुनाया जा सकता है। इस मामले में सरकार की ओर से 67 गवाहों के बयान और एक आईविटनेस की न्यायालय में गवाह करवाई जा चुकी है। वहीं, पीड़ित पक्ष की ओर से 129 दस्तावेज न्यायालय में पेश किए गए है।
ये है पूरा मामला
बता दें कि अलवर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र में 20 जुलाई 2018 को रकबर ऊर्फ अकबर और उसके दोस्त असलम की गौ तस्करी के शक में भीड़ ने बेहरहमी से पिटाई की थी। जिसमें अलसम तो किसी तरह बचकर निकल गया था, लेकिन भीड़ की पिटाई से गंभीर घायल रकबर ने अलवर के जिला अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। ये घटना उस वक्त हुई थी जब रकबर और उसका दोस्त असलम ने लाडपुरा गांव से गायों की खरीदारी कर लालवंडी से होते हुए हरियाणा में अपने गांव जा रहे थे। तभी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने धर्मेंद्र, परमजीत सिंह, नरेश, विजय और नवल को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया था। इस केस में पैरवी के लिए प्रदेश सरकार ने जयपुर हाईकोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट नासिर अली नकवी को 2021 में विशिष्ट लोक अभियोजक नियुक्त किया था। केस की सुनवाई अलवर एडीजे नंबर 1 विशेष कोर्ट में चल रही है। अलवर मॉब लिंचिंग केस में अब तक 67 गवाहों के बयान कराए जा चुके है। जिनमें कॉन्स्टेबल नरेंद्र सिंह, तत्कालीन रामगढ़ थाना प्रभारी एवं एएसआई मोहन सिंह, रकबर का साथी असलम सहित पांच चश्मदीद हैं। 129 पेज के दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए गए हैं। इनमें आरोपियों की मोबाइल की कॉल डिटेल व लोकेशन भी है।