राइट टू हेल्थ बिल विरोध पर बड़ा फैसला, डॉक्टरों ने आंदोलन को 15 दिन के लिए किया स्थगित
जयपुर। राईट टू हेल्थ बिल पर बड़ी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आश्वासन के बाद डॉक्टरों ने आंदोलन को 15 दिन के लिए स्थगित किया। डॉक्टरों ने आज आपसी बैठक कर आंदोलन को 15 दिन के लिए स्थगित करने का फैसला लिया है। स्टेट ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने यह फैसला लिया है। कमेटी के प्रवक्ता संजीव गुप्ता ने इस बात को लेकर जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा, ज्वाइंट एक्शन कमेटी में बहुमत से यह निर्णय लिया गया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने बैठक की। ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने मुख्यमंत्री गहलोत पर भरोसा जताया। जिसके बाद ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में किए जा रहे सरकारी योजनाओं के बहिष्कार का फैसला वापस लिया।
बता दें कि गुरुवार को राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को मुख्यमंत्री गहलोत के साथ चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ इन चिकित्सक संगठनों की वार्ता हुई। चिकित्सकों का एक दल सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात करने पहुंचा। इस दौरान चिकित्सक संगठनों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आश्वासन मिलने के बाद डॉक्टर्स संतुष्ट नजर आए।
जयपुर मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. अनुराग शर्मा ने बताया कि सीएम गहलोत ने हमें आश्वासन दिया है कि चिकित्सक संगठनों की जो भी मांगे हैं। उन्हें पूरा किया जाएगा और इस बिल को लेकर जो गतिरोध बन रहा है। उसे लेकर भी बीच का रास्ता निकाला जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले आश्वासन के बाद शुक्रवार को ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने आंदोलन को 15 दिन के लिए स्थगित करने का फैसला लिया है।
विरोध के बाद सरकारी योजनाओं को कर दिया था बंद…
बता दें कि कुछ दिनों पहले राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्रदेश के करीब 1500 निजी प्राइवेट अस्पतालों ने चिरंजीवी और आरजीएचएस के तहत सर्विस देने से मना कर दिया था। आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में वर्तमान में करीब 2 हजार निजली हॉस्पिटल संचालित हैं। इनमें 75 प्रतिशन हॉस्पिटल ऐसे हैं, जो आरजीएचएस और चिरंजीवी योजना के तहत सर्विस देते हैं। आरजीएचएस के तहत अभी प्राइवेट हॉस्पिटल्स में 150 से 250 रुपए में ओपीडी शुल्क लिया जाता है।
प्रदेश में 1 करोड़ से ज्यादा परिवार चिरंजीवी में रजिस्टर्ड…
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थन में करीब 1 करोड़ 37 लाख 82 हजार 951 परिवार चिरंजीवी में रजिस्टर्ड हैं। 29,48,207 लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। इसके तहत प्रत्येक परिवार के लिए 10 लाख के कैशलेस बीमा की सुविधा है। इसे सरकार ने हाल ही में अपने बजट में बढ़ाकर 25 लाख कर दिया है। वहीं, आरजीएचएस में प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को फायदा दिया जाता है। इसमें 8 लाख से ज्यादा कर्मचारी जुड़े हैं।