बापर्दा भ्रष्टाचार पर बिग कंट्रोवर्सी, कार्यवाहक DG के आदेश पर बवाल
जयपुर । भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के नए फरमान बापर्दा भ्रष्टाचार पर बिग कंट्रोवर्सी खड़ी हो गई है। जयपुर दौर पर आए केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय सहित भाजपा नेताओं ने सरकार को इस फरमान को लेकर निशाने पर लिया है। भाजपा ही नहीं, गहलोत मंत्रिमंडल के सदस्य प्रतापसिंह खाचरियावास और कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने भी इस फरमान पर नाइत्तेफाकी जताई है।
वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर में इस मामले में साफ कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश की पालना में ही शायद तकनीकी आधार पर एसीबी की ओर से यह नया आदेश जारी किया होगा। और कोई मकसद नहीं, सरकार की मंशा वही है जो पहले थी। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के बुधवार को कार्यवाहक डीजी बने हेमंत प्रियदर्शी ने एक आदेश जारी किए थे, जिसमें भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों को ट्रैप करने के बाद उनके नाम और फोटो मीडिया या अन्य माध्यम से सार्वजनिक नहीं करने के आदेश जारी किए हैं।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने नित्यानंद राय ने कहा है कि भ्रष्टाचारियों का चेहरा सबके सामने उजागर होना चाहिए। वहीं, उन्हें जेल बाहर नहीं, बल्कि देश की सलाखों के पीछे होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस होना चाहिए। भ्रष्टाचार ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है, जिसकी वजह से एक समय में आर्थिक व्यवस्था तक चरमरा गई थी। इसलिए ऐसे लोगों को जेल के अंदर होना चाहिए। भ्रष्टाचार पर केंद्र की नीति जीरो टॉलरेंस की है।
भाजपा सड़क से लेकर सदन तक ले जाएगी मुद्दा
इस मसले पर भाजपा हमलावर हो गई है। एसीबी के आदेश को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने तुगलकी करार देते हुए कहा कि सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाना चाहती है। जीरो टॉलरेंस और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की बात कहने वाली इस सरकार की मंशा साफ दिख रहा है कि यह आदेश भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला आदेश है। जबकि राजस्थान के सीएम खुद पब्लिक डोमेन में स्वीकार कर चुके हैं कि तबादलों के लिए रिश्वत ली जाती है। भ्रष्टाचारी और अपराधी समाज में बेनकाब होने चाहिए।
एसीबी की टीम आरोपी को रंगे हाथों पकड़ती है। सभी सबूत उनके पास होते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होते हुए उनका चेहरा सार्वजनिक होना चाहिए, ताकि समाज में सही संदेश जाए – गुलाबचंद कटारिया, नेता प्रतिपक्ष
सरकार को ट्रैप कार्रवाई में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए आरोपी के मानवाधिकारों की ही इतनी चिंता क्यों है? आईपीसी अपराधों व अन्य स्पेशल एक्ट्स के तहत किए गए अपराधों के आरोपियों को इस सुविधा से क्यों नहीं नवाजा गया? – राजेन्द्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष
कार्यवाहक डीजी का आदेश भ्रष्टाचारियों को संरक्षण प्रदान करने जैसा है। ऐसी मानसिकता वाला अधिकारी प्रदेश की एसीबी का मुखिया रहने लायक नहीं है। ऐसे अधिकारी की जगह किसी अच्छे ईमानदार अधिकारी को इस पद पर नियुक्त किया जाए।- भरत सिंह, सांगोद विधायक
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