जयपुर में ACB का बड़ा एक्शन, डिप्टी रजिस्ट्रार और इंस्पेक्टर 5 लाख की घूस लेते धरे गए
जयपुर। राजस्थान में भ्रष्टाचार फैलाने वाले लोगों के खिलाफ एसीबी आए दिन ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में जयपुर एसीबी टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। जयपुर एसीबी ने डीआरसीटी को-ऑपरेटिव के डिप्टी रजिस्ट्रार और इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते ट्रैप किया है।
एसीबी टीम ने डिप्टी रजिस्ट्रार जयपुर शहर के देशराज यादव और निरीक्षक अरुण प्रताप सिंह को पांच लाख रुपए की रिश्वत लेते ट्रैप किया है। रिश्वत लेने और देने के मामले में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर एसीबी मुख्यालय लाई जिन से पूछताछ की जा रही हैं। एसीबी के एडिशनल एसपी बजरंग सिंह के सुपरवीजन में यह ट्रैप की कार्रवाई की गई।
एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि परिवादी ने जयपुर एसीबी शिकायत दी थी। परिवादी ने शिकायत में बताया कि उसकी कॉपरेटिव सोसायटी के लिए जमीन किराए पर ले रखी है। जिसके अंदर सर्वे करके उसको डराने के लिए के लिए रेड डाली गई। इसके अलावा एक एसआईटी का गठन किया गया था।
इसके बाद देशराज यादव उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां शहर, जयपुर और इंस्पेक्टर अरुण प्रताप सिंह ने परिवादी से 20 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की गई। दोनों आरोपी कार्रवाई में मदद करने के नाम पर परिवादी से 5 लाख रुपए पहले ही ले चुके है। जिसके बाद एसीबी जयपुर के डीआईजी रणधीर सिंह के सुपरवीजन में एसीबी विशेष अनुसंधान इकाई, जयपुर के एएसपी बजरंग सिंह शेखावत के निर्देशन में शिकायत का सत्यापन किया गया।
जिसके बाद जयपुर एसीबी ने आरोपियों को पकड़ने के लिए ट्रैप का जाल बिछाया। मंगलवार को इंस्पेक्टर रघुवीर शरण द्वारा मय टीम के ट्रैप की कार्रवाई करते हुए डिप्टी रजिस्ट्रार देशराज यादव और इंस्पेक्टर अरुण प्रताप को परिवादी से 5 लाख रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
एसीबी के आईजी सवाई सिंह गोदारा के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा।
(इनपुट-विनय पंत)