5 करोड़ की धोखाधड़ी और जानलेवा धमकी...चुनाव से पहले बुरे फंसे गहलोत के मंत्री, अब CID करेगी जांच
Minister Ramlal Jat : जयपुर। राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार के राजस्व मंत्री रामलाल जाट एक बार फिर विवादों में फंस गए है। मंत्री जाट पर 5 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी, चोरी, आपराधिक षडयंत्र रचने, धमकी देने सहित विश्वासघात करने के आरोप लगा है। परमेश्वर जोशी की शिकायत पर पुलिस ने कैबिनेट मंत्री रामलाल जाट सहित 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच सीआईडी सीबी को सौंप दी है। बता दे कि पिछली सरकार में एक महिला के कारण विवाद में फंसे रामलाल जाट को मंत्री पद गंवाना पड़ा था।
आसींद के डीएसपी योगेश शर्मा ने बताया कि राजसमंद के झीलवाड़ा हाल मुंबई निवासी परमेश्वर जोशी ने करेड़ा पुलिस थाने में मंत्री सहित पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। न्यायालय के आदेश पर करेड़ा पुलिस ने मंत्री रामलाल जाट, पूरणमल गुर्जर निवासी ज्ञानगढ़, महिपाल सिंह निवासी अंटाली, सूरज जाट निवासी आसींद और महावीर प्रसाद चौधरी निवासी प्रतापपुरा के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामले की जांच अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस सीआईडी अपराध शाखा के आदेश के बाद सीआईडी सीबी जयपुर पुलिस मुख्यालय भेजी गई है।
ये है पूरा मामला?
राजसमंद के झीलवाड़ा हाल मुंबई निवासी परमेश्वर जोशी 'मैसर्स अरावली ग्रैनी' के नाम से खनन व्यवसाय चलाते हैं। परिवादी जोशी ने रघुनाथपुरा तहसील करेड़ा गांव में माइनिंग लीज संख्या 67/12 ली है। रजिस्ट्रेशन के दौरान इस कंपनी के मालिक श्याम सुंदर गोयल व चंद्रकांत शुक्ला थे। कंपनी के रजिस्ट्रेशन से पूर्व परिवादी जोशी ने श्याम सुंदर गोयल व चंद्रकांत शुक्ला से 10 करोड़ रुपए की डिमांड की थी। इस पर गोयल व शुक्ला ने 5 करोड़ में कंपनी के 50 प्रतिशत शेयर जोशी की पत्नी भव्या को हस्तांतरित कर दिए थे। जबकि शेय शेयर राजस्व मंत्री रामलाल को 5 करोड़ रुपये में बेचना तय किया था। लेकिन, मंत्री ने ये शेयर अपने रिश्तेदार मोना चौधरी और सुरेश जाट के नाम पर ट्रांसफर करवाने और 5 करोड़ रुपए देने की बात कही थी।
पुलिस ने डरा-धमकाकर भगाया
परिवादी परमेश्वर ने 25-25 प्रतिशत शेयर मोना व सुरेश के नाम हस्तांतरित करवा दिए। लेकिन, जब परिवादी जोशी ने मंत्री जाट व अन्य लोगों से 5 करोड़ रुपए मांगे तो उन्होंने देने से इनकार कर दिया। साथ ही परिवादी व उसके परिजनों को जान से मारने और माइंस को डायनामाइट से उड़ाने की धमकी देने लगे। जब परिवादी ने थाने में मामला दर्ज करवाना चाहा तो पुलिस ने डरा-धमकाकर भगा दिया। भीलवाड़ा एसपी को लिखित रिपोर्ट देने पर भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया।
स्थानीय कोर्ट से नहीं सुनीं तो हाईकोर्ट में लगाई गुहार
आखिरकार पीड़ित को कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। परिवादी भीलवाड़ा जिले की अधीनस्थ कोर्ट गया, जहां से एफआईआर का आदेश नहीं मिला तो जोशी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। पीड़ित ने मंत्री जाट पर मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई। जिस पर हाईकोर्ट ने एक अगस्त को अधीनस्थ कोट को निर्देश दिया कि सम्बंधित थाने को मुकदमा दर्ज करने को कहा जाए। इसके बाद मंत्री जाट सहित 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
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