नेता माने, आंदोलनकारी नहीं... माली समाज का धरना 7वें दिन भी जारी
Mali Samaj protests : भरतपुर। सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पृथक 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर माली समाज का धरना लगातार 7वें दिन गुरुवार को भी जारी है। आंदोलनकारी जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाकर बैठे हुए है। राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों पर गौर करने पर सहमत होने के बावजूद आंदोलनकारियों ने राजमार्ग से हटने से इनकार कर दिया है। माली समाज के नेता मुरारी लाल सैनी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडल ने बातचीत को सकारात्मक बताया, लेकिन आंदोलनकारी राजमार्ग से अभी नहीं हटे हैं। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने समाज के उस व्यक्ति का पोस्टमार्टम भी अभी नहीं करने दिया है, जिसने सोमवार को धरना स्थल के निकट पेड़ से लटककर फांसी लगा ली थी।
पुलिस ने बताया कि इस युवक के परिवार के सदस्यों ने शव लेने से इनकार कर दिया है और वे मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं। फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक सैनी ने मंगलवार को कहा था कि राज्य सरकार मांगों पर गौर करने पर सहमत हो गई है। वहीं उन्होंने कहा था कि धरना स्थल पर समाज के लोगों द्वारा आंदोलन समाप्त करने का निर्णय अभी नहीं किया है। आंदोलन समाप्त करने के लिए समाज के सदस्यों से बातचीत की जा रही है।
इंटरनेट सेवा बंद
प्रदर्शनकारी अपनी इन मांगों पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक परिजनों की इस मांग का और आरक्षण का सुनिश्चित फैसला नहीं हो जाता वह यहां से नहीं हिलेंगे। संभागीय आयुक्त ने हालातों को देखते हुए इंटरनेट सेवा की बंदी को एक दिन तक फिर बढ़ा दिया है। इसके तहत नदबई, वैर क्षेत्र और भुसावर इलाके में आज रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी।
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मोहन सैनी के परिजन मांग पर अड़े
सैनी समाज के मोहन लाल सैनी की आत्महत्या के बाद परिजनों ने 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी की मांग की है। साथ ही उसे शहीद का दर्जा देने की भी मांग उठाई जा रही है। बताया जा रहा है कि इन्हीं मांगों को लेकर अब ये प्रदर्शन किया जा रहा है।
शव लेने से इनकार, मुआवजे और नौकरी की मांग
नदबई के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) नीतिराज सिंह ने कहा कि आंदोलन अब भी जारी है। उनके मुद्दों पर बातचीत की जा रही है। परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों ने शव लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की है। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आने वाले माली समुदाय के सदस्य अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण, एक अलग ‘लव-कु श कल्याण बोर्ड’ के गठन और समुदाय के बच्चों के लिए छात्रावास सुविधा की मांग कर रहे हैं। तंबुओं में डेरा डाले प्रदर्शनकारियों ने अरौदा गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-21 के निकट एक किलोमीटर तक सड़क को अवरुद्ध कर दिया है।
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