भरतपुर में दिनदहाड़े धर्मांतरण! 20 हजार लोगों ने बदला धर्म, जानें कैसे और कौन चलाता है ये पूरा खेल?
Bharatpur Religious Conversion: राजस्थान के भरतपुर के एक होटल में रविवार को बड़े लेवल पर धर्मांतरण का मामला सामने आया है जहां एक लाइव कार्यक्रम में चंडीगढ़ से एक ईसाई धर्मगुरु द्वारा लोगों को दीक्षा देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का आरोप लगा है. शहर के सोनार हवेली में चल रहे इस कार्यक्रम में 400 से अधिक लोग जमा थे जिसको लेकर दावा किया जा रहा है कि एक ईसाई धर्मगुरु लाइव लोगों को दीक्षा दे रहा था और इस सभा में दावा किया जा रहा था कि वह मरे हुए बच्चे को जिंदा कर देंगे और कैंसर जैसी बीमारी को भी ठीक कर देंगे.
वहीं कार्यक्रम के दौरान वहां कुछ बीजेपी और अन्य हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता पहुंचे और पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने कार्यक्रम के आयोजक कुंवर सिंह और शैलेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है जिनसे पूछताछ में पता चला है कि ये प्रॉफेट बिजेंद्र सिंह का कार्यक्रम था और आरोपियों ने दावा किया कि वे अब तक 20 हजार लोगों का धर्म बदलवा चुके हैं.
वहीं मौके पर पहुंचे बीजेपी कार्यकर्ताओं का दावा है कि कार्यक्रम में एक बड़ी LED पर बिजेंद्र सिंह लाइव बोल रहा था और लोगों को ईसाई धर्म में कन्वर्ट करने के साथ ही प्रभु यीशु की कसम दिलवाई जा रही थी. वहीं दवाई के नाम पर लोगों को बोतलों से कुछ पानी जैसा पदार्थ भी पिलाया जा रहा था. आइए जानते हैं कि कौन है प्रॉफेट बिजेंद्र सिंह और कैसे चलता है ये धर्मांतरण का खुला खेल?
चंडीगढ़ से चलता है पूरा नेटवर्क
दरअसल दोनों ही आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि वे 2020 से बिजेंद्र सिंह से जुड़े थे और चंडीगढ़ से ही बिजेंद्र उन्हें ऐसे आयोजन करने के लिए ऑनलाइन पैसे भेजता है. पुलिस ने आरोपियों के पास से आयोजन का सामान और कई किताबें भी जब्त की है.
वहीं कार्यक्रम के लिए होटल के हॉल में माइक, स्पीकर और 5 बड़ी LED लगी हुई थी जहां करीब 400 लोग मौजूद थे और मंच पर कम से कम 15 लोग मौजूद थे. इसके साथ ही दावा किया गया कि वहां मौजूद लोगों को ईसाई धर्म के फायदे बताए जाने के साथ ही बीमार लोगों का इलाज करने का दावा करते हुए ईसाई धर्म के कपड़े पहने हुए कुछ लोग दवाई के नाम पर कुछ पानी जैसा पिला रहे थे.
वहीं आरोपी कुंवर सिंह ने पुलिस को बताया कि ऐसे कार्यक्रम एक साथ कई जगह चलते हैं और इन कार्यक्रमों के बाद जो भी धर्म बदलने का इच्छुक होता है उसे चंडीगढ़ भेजा जाता है. वहीं इस कार्यक्रम में यूपी, भरतपुर, बयाना से कई लोगों को बुलाया गया था जहां गाड़ियों की व्यवस्था से लेकर खाने-पीने की पूरी व्यवस्था आयोजकों की थी.
क्या है ये प्रॉफेट मिनिस्ट्री?
दरअसल ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करने के लिए ये पूरा खेल पंजाब के कई इलाकों में चलता है जिनमें मुख्य तौर पर चंडीगढ़ से ये ऑपरेट होता है जहां ईसाई धर्म के नाम पर ऐसे कई सेल्फ मेड भगवान अपनी-अपनी मिनिस्ट्री चलाते हैं जहां इन मिनिस्ट्रीज को स्वयंभू पादरियों, प्रचारकों और प्रॉफेट के नाम से कई चर्चों में युवा पुरुष और महिला चलाते हैं जो अधिकांश धर्म परिवर्तन वाले ईसाई होते हैं.
इन्हीं में से एक प्रॉफेट बिजेंद्र सिंह, जिसके सोशल मीडिया पर लाखों अनुयायी हैं और जींस और ब्लेज़र पहने 40 साल के बिजेंद्र अपने कार्यक्रमों में मरे हुए बच्चे को जिंदा करने से लेकर कैंसर जैसी बीमारी को सही करने का दावा करते हैं. इसके अलावा वह लाइव बुरी आत्मा को भगाने का भी दावा करते हैं जिसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर डाले जाते हैं.
यहां भीड़ और मंच का प्रबंधन करने वाले सैकड़ों स्वयंसेवकों और मिनिस्ट्रीज के कर्मचारियों के सहयोग के साथ हर कार्यक्रम को रिकॉर्ड किया जाता है, स्टेज से तेज आवाज में पंजाबी संगीत बजाया जाता है. वहीं कथित चमत्कारों को कई कैमरों में कैद करने के बाद इनके वीडियो मिनिस्ट्रीज के सोशल मीडिया हैंडल पर अपलोड होते हैं.
इनके कार्यक्रमों में कौन आते हैं?
बता दें कि पंजाब के कई इलाकों में मजहबी सिख तथा वाल्मीकि हिंदू समुदायों के कई दलितों ने जाति व्यवस्था के उत्पीड़न से निकलने के लिए इस तरह से धर्मांतरण का विकल्प चुना है. हालांकि इन मिनिस्ट्रीज का दावा है कि वे अपने अनुयायियों को ईसाई धर्म में परिवर्तित नहीं करते बल्कि ‘उनके जीवन को बदलते हैं.’लेकिन इनके कार्यक्रमों में ईसाई धर्म को लेकर कई तरह की किताबें और लेक्चर दिए जाते हैं.
इनके कार्यक्रमों में अधिकांश गरीब तबके से या किसी बीमारी से परेशान लोग पहुंचते हैं. वहीं इनके दरबार किसी प्रोस्टेंट या कैथोलिक चर्च से संबद्ध नहीं होते हैं. हैं. इनको सिख धर्म की मुख्यधारा से बाहर काम करने वाले डेरे भी कहा जाता है. इनके पास करोड़ों का चंदा आता है. इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा के कई नेता भी इनके कार्यक्रमों में जाते रहते हैं.
बिजेंद्र सिंह कौन है?
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बिजेंद्र सिंह हरियाणा के यमुनानगर के एक हिंदू जाट परिवार से आता है जिसने मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर रखी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 20 साल में उसे हत्या के एक मामले में संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था. वहीं पंजाब पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक बजिंदर ने अपनी गिरफ्तारी के दौरान ईसाई धर्म की ओर झुकाव शुरू किया और इसकी बातों को फैलाने लगा. इसके बाद 2008 में अपना धर्म परिवर्तन कराया और 2012 तक लोगों को ‘चंगा’ करने के नाम पर छोटी-छोटी सभाएं करने लगा.
प्रॉफेट बजिंदर सिंह मिनिस्ट्रीज में इन दिनों काफी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआत में वह जालंधर जिले के एक चर्च के पादरी था जिसके बाद 2015 में वह चंडीगढ़ चला गया और बाद में चर्च ऑफ़ ग्लोरी एंड विज़डम, चंडीगढ़ का अध्यक्ष बन गया. वहीं साल 2017 और अगस्त 2021 के बीच उसने कथित तौर पर 24 करोड़ से अधिक की कमाई भी की जहां इसी दौरान उसने शादी की और जिससे उसके तीन बच्चे भी हुए.
चर्च से मिनिस्ट्री का नहीं कोई संबंध
वहीं इन मिनिस्ट्री को चलाने वाले सभी प्रमुख पादरी फैंसी कपड़े पहनने के साथ ही बड़ी कारों में आते हैं जहां खुद की निजी सुरक्षा रखते हैं. वहीं पंजाब के बाहर भी अब ये मिनिस्ट्रीज अपने निजी चर्च बनाने के लिए कई जमीनें खरीद रहे हैं जहां पिछले साल अकेले नवंबर और दिसंबर में जालंधर, पटियाला, पठानकोट, मोहाली, जीरकपुर, नवांशहर, नकोदर, राजपुरा और लुधियाना में कई प्रमुख मिनिस्ट्रीज की ब्रांच खोली गई हैं.
बताया जाता है कि ये मिनिस्ट्रीज स्वतंत्र रूप से काम करती है और इनका देश के दो मुख्य चर्च, चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआई), जिसके तहत उत्तर भारत के अधिकांश प्रोटेस्टेंट चर्च आते हैं और डायोसिस ऑफ़ जालंधर जिसके तहत पंजाब के 23 जिलों में से 15 जिलों साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के चार जिलों के में रोमन कैथोलिक चर्च आते हैं इनसे कोई नाता नहीं है.