'मणिपुर जल रहा था पर ये लोग कर्नाटक में वोट मांग रहे थे' गहलोत बोले- गृहमंत्री के दौरे के बाद भी वहां तनाव
भरतपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को भरतपुर दौरे पर रहे जहां सीएम गहलोत ने कुम्हेर विधानसभा के सैंत गांव पहुंचकर महंगाई राहत शिविर का अवलोकन किया और इसके बाद वह एक जनसभा को संबोधित किया. जनसभा के दौरान सीएम ने राजस्थान सरकार के 4 सालों में किए काम गिनाते हुए बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि राजस्थान की जनता ने 25 सांसद जीताकर दिल्ली भेजे लेकिन उन्होंने कोई काम नहीं किया. वहीं इसके बाद मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने मणिपुर के वर्तमान हालातों पर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मणिपुर में 100 लोग मारे गए लेकिन ये लोग कर्नाटक में चुनाव प्रचार करते रहे.
गहलोत ने कहा कि ये लोग लोगों की परवाह किए बिना कर्नाटक में बजरंग बली को याद करते रहे हालांकि बजरंगबली ने भी इनको चुनावों में इस बार सबक सिखा दिया. सीएम ने कहा कि अमित शाह का दौरा होने के बावजूद मणिपुर में तनाव बना हुआ है और देश का कोई भी हिस्सा हो ऐसे हालातों से निपटने के लिए गंभीरता की जरूरत होती है.
'सरकार को घटना की गंभीरता का नहीं कोई एहसास'
गहलोत ने कहा कि आग लगने के बाद हाल में अमित शाह का दौरा हुआ लेकिन अभी तक वहां तनाव बरकरार है, जब तक किसी घटना को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा तब तक हालात कंट्रोल में नहीं आएंगे. गहलोत ने कहा कि बोडो आंदोलन, आसू कितने ही ऐसे संगठनों के गतिरोध को कांग्रेस ने दूर किया, इंदिरा गांधी ने कभी खालिस्तान नहीं बनने दिया.
मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए 24 जून को दोपहर 3 बजे दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. वहीं इस बैठक से पहले गुरुवार को राहुल गांधी ने भी हमला बोलते हुए ट्वीट किया कि 50 दिनों से जल रहा है मणिपुर, मगर प्रधानमंत्री मौन रहे और अब जब इस पर सर्वदलीय बैठक तब बुलाई गई है जब प्रधानमंत्री खुद देश में नहीं हैं! साफ है, प्रधानमंत्री के लिए ये बैठक महत्वपूर्ण नहीं है.
'कर्नाटक से मिला बड़ा संदेश'
सीएम ने कहा कि कर्नाटक के चुनाव के नतीजों ने देश की जनता को एक संदेश दिया है और अब जनता समझ चुकी है. उन्होंने कहा कि आज अमेरिका में बराक ओबामा बोले हैं, अगर मुझे मोदी जी से बात करने का मौका मिलेगा, तो मैं उन्हें कहूंगा धर्म के नाम पर विभाजन बंद हो. इसके अलावा राहुल गांधी ने भी अपनी यात्रा के दौरान यही संदेश दिया था.