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श्रीनगर में 'भारत जोड़ो यात्रा' का समापन समारोह, दादी और पिता को याद कर भावुक हुए राहुल गांधी

02:53 PM Jan 30, 2023 IST | Sanjay Raiswal

नई दिल्ली। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का आज समापन हो रहा है। 145 दिनों से चल रही ये यात्रा आज श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में खत्म हो जाएगी। कांग्रेस ने शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन के अवसर पर एक मेगा रैली का आयोजन किया है। पूरे कांग्रेस नेतृत्व के अलावा, विपक्षी दलों के कई नेता इसमें शामिल हुए हैं। नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, भाकपा, पीडीपी, आरएसपी और आईयूएमएल के नेता ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन पर रखी गई रैली में शामिल हुए हैं।

बर्फबारी में बहन के साथ मस्ती करते दिखे राहुल गांधी

यात्रा के समापन से पहले ही श्रीनगर में मौसम बिगड़ गया है। श्रीनगर में भारी बर्फबारी के बीच समापन कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि सालों से 8-10 किलोमीटर तक दौड़ता हूं। ऐसा लगता था ये यात्रा आसान होगी। यात्रा के दौरान पुरानी चोट उभरी। जो आसान लगता था वो मुश्किल हो गया। इस बीच राहुल और प्रियंका गांधी की एक तस्वीर खूब वायरल हो रही है। दोनों नेता जम्मू में हो रही बर्फबारी में खेलते और मस्ती करते दिख रहे हैं।

राहुल बोले, लोगों का साथ मिलने से यात्रा सहज रही

शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन के अवसर पर एक मेगा रैली हुई। रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मैंने बहुत कुछ सीखा। देश की शक्ति कश्मीर के लोगों के साथ है। यहां के लोग भारी बर्फबारी में भी खड़े हैं, इन्हें सर्दी नहीं लग रही हैं। प्रियंका की बातों से आंखों में आंसू आ गए। भारत जोड़ो यात्रा में परेशानी नहीं आई। लोगों का साथ मिलने से यात्रा सहज रही।

यात्रा के दौरान एक दिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था। मैंने सोचा कि मुझे 6-7 घंटे और चलना होगा और यह मुश्किल होगा, लेकिन एक बच्ची दौड़ती हुई मेरे पास आई और बोली कि उसने मेरे लिए कुछ लिखा है। उसने मुझे गले लगाया और भाग गई। उसने लिखा, ‘मैं देख सकती हूं कि आपके घुटने में दर्द हो रही है, क्योंकि जब आप उस पैर पर दबाव डालते हैं, तो यह आपके चेहरे पर दिखता है। मैं आपके साथ नहीं चल सकती, लेकिन मैं दिल से आपके साथ चल रही हूं क्योंकि मुझे पता है कि आप हमारे लिए चल रहे हो।’ ठीक उसी क्षण मेरा दर्द गायब हो गया।’

राहुल गांधी ने आगे कहा कि जब मैं कन्याकुमारी से आगे बढ़ रहा था तब मुझे ठंड लग रही थी। मैंने कुछ बच्चे देखे। वे गरीब थे, उन्हें ठंड लग रही थी, वे मजदूरी कर रहे थे और कांप रहे थे। मैंने सोचा ठंड में ये बच्चे स्वेटर-जैकेट नहीं पहन पा रहे हैं तो मुझे भी नहीं पहनना चाहिए।

दादी और पिता को याद कर भावुक हुए राहुल गांधी…

भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर राहुल गांधी अपनी दादी को याद कर भावुक हो गए। राहुल गांधी ने कहा उनकी दादी इंदिरा गांधी की मौत की खबर से वह सहम उठे थे। जब मैं 14 साल का था और स्कूल में था। इसी बीच स्कूल की टीचर क्लास में आई। टीचर ने कहा, राहुल तुम्हें प्रिसिंपल ने बुलाया है। मैंने सोचा कुछ गलती की होगी मार पड़ेगी। जब मैं प्रिसिंपल के पास पहुंचा तो उन्होंने मुझे बताया कि राहुल तुम्हारे घर फोन है। जब मैंने फोन को सुना तो हमारे घर में काम करने करने वाली औरत पीछे से चिल्ला रही थी। मां ने मुझे कहा कि राहुल तुम्हारी दादी को गोली मार दी है। इसके बाद मैं चौंक गया। इसके बाद मैंने प्रियंका को स्कूल से लेकर आया। इसके बाद मैं उस जगह गया जहां दादी को गोली मारी थी।

इसके बाद जब मैं 21 साल का था। तब मैंने पिता की मौत की खबर सुनी। मेरे पास पिता के एक दोस्त का फोन आया। उन्होंने मुझे कहा, राहुल बुरी खबर है। मैंने कहा हां मुझे पता है। पापा मर गए है। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी जी, अमित शाह जी, RSS के लोगों ने हिंसा नहीं देखी है। वे डरते हैं। भाजपा का कोई नेता यहां पैदल ऐसे नहीं चल सकता इसलिए नहीं कि जम्मू कश्मीर के लोग उन्हें चलने नहीं देंगे बल्कि इसलिए क्योंकि वो डरते हैं।

भारत जोड़ो यात्रा ने 4080 किमी का किया सफर…

7 सितंबर 2022 को राहुल गांधी के नेतृत्व में तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा अब तक करीब 4 हजार 80 किमी की दूरी तय कर के जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर पहुंची है। राहुल गांधी ने 29 जनवरी के दिन ऐतिहासिक लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने अपने समर्थकों, कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। इस दौरान उन्होंने बोलते हुए कहा कि, भारत से किया वादा पूरा हो गया है। मुझे इस यात्रा में लाखों लोगों का साथ मिला। कुछ ने मुझसे बात की, कुछ ने मुझे अपना साथ दिया। राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा को बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। इस यात्रा का असल उद्देश्य देश को एक करना था और इस दौरान हमें लोगों से इस पर अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।

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