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Papankusha Ekadashi 2024 : पापांकुशा एकादशी पर भद्रा और पंचक, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

06:03 AM Oct 13, 2024 IST | Arjun Gaur

पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है

Papankusha Ekadashi 2024 : सनातन धर्म के लोगों के लिए पापांकुशा एकादशी का विशेष महत्व है। पापांकुशा एकादशी के आज के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही आपके द्वारा अनजाने में किए गए कार्यों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। धन-संपदा की प्राप्ति होती है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि सूर्योदय की तिथि के अनुसार, सनातन धर्म के लोग आज पापांकुशा एकादशी व्रत रखा जाएगा। पापांकुशा एकादशी के दिन व्रत रखने का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस व्रत से व्यक्ति को जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। श्रद्धालु दिनभर उपवास रखकर भक्ति भाव से पूजा करते हैं, जिससे भगवान की कृपा प्राप्त होती है और साधक को आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ जीवन में सुख-समृद्धि भी मिलती है।यह व्रत व्यक्ति के मन को शुद्ध करता है और उसे मोक्ष की ओर ले जाने में सहायक माना जाता है।हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी हर महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 11वें दिन मनाई जाती है, ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है।

पापांकुशा एकादशी आरंभ और समापन
एकादशी तिथि का आरंभ: 13 अक्टूबर, प्रातः 09:08 मिनट से
एकादशी तिथि का समापन: 14 अक्टूबर, प्रातः 06:41 मिनट पर
सूर्योदय की तिथि के अनुसार, सनातन धर्म के लोग 13 अक्टूबर 2024 को पापांकुशा एकादशी व्रत रखा जाएगा।

रवि योग
डा.अनीष व्यास ने बताया कि इस बार की पापांकुशा एकादशी रवि योग में है। आज रवि योग सुबह 6:21 मिनट से बन रहा है और यह 14 अक्टूबर को सुबह 2:51 तक रहेगा। रवि योग में सभी प्रकार के दोष नष्ट हो जाते हैं। इसमें सूर्य देव का प्रभाव अधिक होता है।

शुभ मुहूर्त
डा.अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत आज 13 अक्टूबर को सुबह 09:08 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 14 अक्टूबर को सुबह 06:41 मिनट पर होगा। पंचांग के आधार पर 13 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी मनाई जाएगी। वहीं, वैष्णव समाज के लोग 14 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी का व्रत रखेंगे।

पूजा विधि
डा.अनीष व्यास ने बताया कि एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करें। भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें। इसके बाद मंदिर को साफ करें। एक वेदी पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान का पंचामृत से स्नान करवाएं। पीले फूलों की माला अर्पित करें। हल्दी या फिर गोपी चंदन का तिलक लगाएं। पंजीरी और पंचामृत का भोग अवश्य लगाएं। विष्णु जी का ध्यान करें। पूजा में तुलसी पत्र शामिल करना न भूलें।

करें इन मंत्रों का जाप

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