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सूर्य ग्रहण से बदलेगा व्यवहार, दिन में रात होते देख चौंकेंगे पक्षी

सूर्य ग्रहण के दौरान जानवरों और पौधे भी अजीब तरह से व्यवहार करते हैं। दिन में रात होने की इस अद्भुत घटना के दौरान पशु-पक्षी अलग-अलग तरह से व्यवहार करते हैं।
10:23 AM Mar 28, 2024 IST | BHUP SINGH

वॉशिंगटन। पूर्ण सूर्य ग्रहण का दृश्य एक अनोखा दृश्य होता है। इस दौरान अंधेरा छा जाता है और तापमान में गिरावट दर्ज की जाती है। ऐसी ही एक घटना 8 अप्रैल को होने वाली है। सूर्य ग्रहण के दौरान जानवरों और पौधे भी अजीब तरह से व्यवहार करते हैं। दिन में रात होने की इस अद्भुत घटना के दौरान पशु-पक्षी अलग-अलग तरह से व्यवहार करते हैं।

वैज्ञानिकों को एक बार फिर ग्रहण के दौरान होने वाले प्रभावों के अध्ययन का मौका मिला है। 2017 में अमेरिका में हुए पूर्ण ग्रहण के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि कीड़े, पक्षी और पौधे रात के पैटर्न की तरह व्यवहार कर रहे थे। जुगनू चमकने लगे थे और चिड़ियाघर के जानवरों में चिंता या भ्रम के लक्षण दिख रहे थे।

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1851 में भोजन ले जा रही चीटियों का झुंड ग्रहण के दौरान रुक गया और सूरज के दोबारा दिखने के बाद वहां से चला। 1932 में पूरी तरह से नष्ट होने के बाद मैसाचुसेट्स में एक पेंट्री कॉकरोचों से संक्रमित हो गई थी। हालांकि वैज्ञानिक सभी जानवरों पर इसके प्रभाव के होने की पुष्टि नहीं कर सकते हैं।

पौधों पर भी असर

इंडियाना यूनिवर्सिटी के प्लांट इकोफिजियोलॉजिस्ट डैनियल बेवर्ली ने 2017 में ग्रहण के दौरान व्योमिगं में सेजब्रश पौधे के व्यवहार पर अध्ययन किया। व्योमिगं अमेरिका का एक राज्य है जहां 2017 से पहले 1918 में ग्रहण लगा था।

उन्होंने बताया कि ये पौधे 60 से 100 साल पुराने हैं। दोपहर में उन्होंने कभी इतना अंधेरा नहीं देखा। वैज्ञानिकों ने पाया कि समग्रता केदौरान प्रकाश संश्लेषण कम हो गया। फिर कुछ मिनटों बाद निकले सूर्य के झटके से उबरने में उन्हें घंटों लग गए। इस साल बेवर्ली इंडियाना के एक जंगल में पौधो पर शोध करेंगे।

अलग प्रतिक्रिया करते हैं कीट

साल 2017 में समग्रता से 50 मिनट पहले और 50 मिनट बाद कीड़ों और पक्षियों की निगरानी करने वाले शोधकर्ताओं ने पाया कि आसमान पूरी तरह शांत हो गया था। लेकिन समग्रता के दौरान इनकी गतिविधि अचानक बढ़ गई।

शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि यह कोई कीट हो सकते हैं, जो अंधेरे में प्रतिक्रिया करते हैं। ग्रहण वैज्ञानिकों को इसकेप्रभावों को समझने में और भी मदद करेगा। पक्षियों के अलावा मधुमक्खी भी ग्रहण केदौरान अपने छत्ते में लौटने लगती हैं।

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