होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले BJP ने खेला बड़ा दांव, जानें-किरोड़ी-पूनिया के प्रमोशन के क्या है मायने?

बीजेपी ने राजस्थान से राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व वर्तमान उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां का प्रमोशन कर नए सियासी संकेत दिए है।
11:25 AM Jul 09, 2023 IST | Anil Prajapat
Kirodi Lal Meena, Satish Poonia

Rajasthan Assembly Elections 2023 : जयपुर। बीजेपी आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी हुई है। इसी कड़ी में 4 राज्यों के चुनाव प्रभारियों का ऐलान के एक दिन बाद बीजेपी ने एक बार फिर राजस्थान को लेकर बड़ा दांव खेला है। बीजेपी ने राजस्थान से राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व वर्तमान उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां का प्रमोशन कर नए सियासी संकेत दिए है।

बीजेपी की कोशिश है कि अगर किसी भी नेता के मन में कोई खटास या नाराजगी है तो उसे विधानसभा चुनाव से पहले दूर किया जाएं। ताकि राजस्थान की सत्ता हथिया सकें। यही वजह है कि बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शनिवार को बड़ा फेरबदल करते हुए किरोड़ी और पूनिया को राष्ट्रीय कार्यसमिति में शामिल किया है।

लिस्ट में शामिल 10 में से 7 सदस्य रह चुके प्रदेशाध्यक्ष

बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शनिवार शाम राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्यों की सूची जारी की। इस 10 सदस्यीय सूची में राजस्थान से राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व वर्तमान उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां का नाम शामिल है। इसके अलावा सुरेश कश्यप, संजय जायसवाल, विष्णु देव, धरमाल कौशिक, अश्विनी शर्मा, बंदी संजय कुमार, सोमवीर राजू और दीपक प्रकाश को सूची में जगह मिली है। बता दें कि जिन 10 नेताओं को राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य बनाया गया हैं, उनमें से 7 सदस्य प्रदेशाध्यक्ष रह चुके है।

पूनिया के प्रमोशन के क्या है मायने?

राजस्थान के किरोड़ी लाल मीणा और सतीश पूनिया के प्रमोशन के कई मायने निकाले जा रहे है। लेकिन, यह तो साफ है कि राजस्थान में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने बड़ा दांव खेला है। माना जा रहा है कि करीब 35 साल से राजस्थान बीजेपी के सक्रिय सतीश पूनिया कुछ दिनों से पार्टी नेतृत्व में नाराज चल रहे थे। इसी वजह से पूनिया ने बीजेपी अध्यक्ष के कार्यक्रमों से भी दूरी बना रखी थी। दरअसल, जब पूनिया को बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया था तो उन्होंने प्रदेशभर में घूमकर अपनी पकड़ मजबूत की। ऐसे में अब जाट समुदाय सहित आदिवासी क्षेत्र के लोगों और किसानों को साधने के लिए पूनिया को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। यह भी माना जा रहा है कि जब सीपी जोशी को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया और पूनिया को उप प्रतिपक्ष बनाया गया तो जाट समुदाय ने नाराजगी व्यक्त की। समाज के लोगों को कहना था कि साढ़े तीन साल तक प्रदेश में बीजेपी की मजबूती के लिए काम करने वाले पूनिया को इस तरह किनारा करना गलत है। लेकिन, अब पूनिया का कद बढ़ाकर जाट समुदाय को खुश करने की कोशिश की गई है।

किरोड़ी को मिला संघर्ष का इनाम

राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा बीजेपी के लिए काफी मजबूत कड़ी है। वो लगातार गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन करते रहते है। पिछले कुछ दिनों से भ्रष्टाचार सहित अन्य मुद्दों पर गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा करने में किरोड़ी मीणा सबसे आगे रहे।बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने भी उनके धरने-प्रदर्शनों को समर्थन किया। गहलोत सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने के कारण वो पार्टी नेतृत्व की नजर में आए। ऐसे में माना जा रहा है कि किरोड़ी मीणा को संघर्ष का इनाम मिला है। सियासी गलियारों में ये भी चर्चा है कि सांसद किरोड़ीलाल मीणा का नाम केंद्रीय मंत्री की दौड़ में भी चल रहा है।

राजस्थान में बीजेपी को मजबूत करने की कवायत

पार्टी नेतृत्व विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में बीजेपी को मजबूत बनाने में जुटा हुआ है। शुक्रवार को ही राजस्थान के लिए बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी को प्रदेश चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी। गुजरात से आने वाले नितिन पटेल और हरियाणा से नाता रखने वाले कुलदीप बिश्नोई को राजस्थान चुनावों के लिए सह- चुनाव प्रभारी बनाया गया। इसके अलावा बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने भी राजस्थान की अपनी पूरी टीम को नया रूप दिया और शुक्रवार देर शाम बीजेपी के सभी सातों मोर्चों पर नए चेहरों की लिस्ट जारी की।

जोशी ने 7 मोर्चों में बदलाव करते हुए जयपुर देहात के पूर्व भाजयुमो अध्यक्ष अंकित चेची गुर्जर को भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी है। सिरोही से आने वाली रक्षा भंडारी को महिला मोर्चा का अध्यक्ष, बीकानेर के चम्पालाल प्रजापत गेदर को ओबीसी मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष, हनुमानगढ़ के कैलाश मेघवाल को एससी मोर्चा का अध्यक्ष और जयपुर दक्षिण से आने वाले नारायण मीणा को एसटी मोर्चा का अध्यक्ष बनाया। इसके अलावा किसान मोर्चा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भागीरथ चौधरी को और अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष पद पर हमीद खां मेवाती को सौंपी गई।

ये खबर भी पढ़ें:-West Bengal: पंचायत चुनाव में भड़की हिंसा में 16 की मौत, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ममता सरकार से मांगी रिपोर्ट

Next Article