गहलोत सरकार के खिलाफ बेनीवाल ने खोला मोर्चा, 8 जिलों में हुंकार रैली...14 सितंबर को जयपुर में महारैली
Hanuman Beniwal: चुनावी साल में राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव रद्द करने के फैसले का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने गहलोत सरकार के खिलाफ पूरी तरह मोर्चा खोल दिया है। बेनीवाल ने प्रदेश की गहलोत सरकार को घेरने के लिए चार दिन में 8 रैलियां निकालने का ऐलान किया है।
ये रैलियां 14 सितंबर को राजधानी जयपुर में निकाले जाने वाली महारैली को सफल बनाने के लिए निकाली जाएगी। वो राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव करवाने और युवा-बेरोजगारों को उनका हक व अधिकार दिलवाने की मांग कर रहे है।
जानकारी के मुताबिक 14 सितंबर को जयपुर में होने वाली छात्र अधिकार युवा हुंकार रैली को सफल बनाने के लिए हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में प्रदेश के आठ जिलों में रैलियां निकाली जाएगी। इस दौरान बेनीवाल सभाओं को संबोधित कर युवाओं से ज्यादा से ज्यादा संख्या में जयपुर में पहुंचकर छात्र अधिकार युवा हुंकार रैली को सफल बनाने की अपील करेंगे।
जानें-कब-कहां निकलेगी रैली?
जयपुर में 14 सितंबर को निकाले जाने वाले महारैली को सफल बनाने के लिए जोधपुर, अजमेर, बीकानेर, सीकर, अलवर, भरतपुर, कोटा और उदयपुर में रैलियां निकाली जाएगी। जानकारी के मुताबिक जोधपुर में 8 सितंबर को सुबह 10.30 बजे, उसी दिन अजमेर में दोपहर 2.30 बजे, बीकानेर में 9 सितंबर को सुबह 10.30 बजे,
उसी दिन सीकर में दोपहर 2.30 बजे, अलवर में 11 सितंबर को सुबह 10.30 बजे, उसी दिन भरतपुर में दोपहर 2.30 बजे, कोटा में 12 सितंबर को सुबह 10.30 बजे और उसी दिन उदयपुर में दोपहर 2.30 बजे रैली निकाली जाएगी।
पहले ही कह चुके बेनीवाल-छात्रसंघ शुरू करवाकर ही लेंगे दम
इससे पहले हनुमान बेनीवाल ने 29 अगस्त को जयपुर में मीडिया से रूबरू होते हुए ऐलान किया था कि 14 सितंबर को महारैली निकाली जाएगी। साथ ही उन्होंने दावा किया था कि राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग तथा युवा-बेरोजगारों को उनका हक व अधिकार दिलवाने के लिए जयपुर में निकाले जानी वाली महारैली में 1 लाख से अधिक युवा शामिल होंगे।
उन्होंने कहा था कि हम ईंट से ईंट बजा देंगे, लेकिन हर हाल में छात्रसंघ चुनाव फिर से शुरू करवाकर हीही दम लेंगे। हनुमान बेनीवाल चाहते है कि राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव हर साल होने चाहिए। जैसे कि लोकसभा, विधानसभा और निकाय पंचायत के होते है। इसके लिए उन्होंने प्रदेशभर के युवाओं की एक संघर्ष समिति भी बनाई है।
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