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सावधान…पतंग न काट ले जीवन की डोर, कोहरा ना खींच ले मौत की ओर

देश से लेकर राजस्थान और जयपुर में इस समय मौत हवा में मंडरा रही है।
08:41 AM Jan 08, 2023 IST | Anil Prajapat
सावधान…पतंग न काट ले जीवन की डोर  कोहरा ना खींच ले मौत की ओर

जयपुर। देश से लेकर राजस्थान और जयपुर में इस समय मौत हवा में मंडरा रही है। देश में सड़क हादसों में होने वाली मौतों के लिहाज से जनवरी का महीना सबके लिए खतरे से भरा हो सकता है। इस महीने में दो पहिया और चार पहिया वाहन चालकों पर हवा में कोहरे के और पतंग की डोर के कारण मौत मंडरा रही है। फ्लाई डेथ को लेकर परिवहन विभाग से लेकर यातयात पुलिस और जयपुर कमिशरनेट से लेकर जिला प्रशासन तक अलर्ट जारी कर चुके हैं।

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जयपुर में मांझे से आमजन के घायल होने की घटनाओं की शुरुआत हो चुकी है। वहीं, प्रदेशभर में कोहरे के कारण होने वाले एक्सीडेंट्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। नए साल की शुरुआत के बाद से जनवरी माह में ही प्रदेश में हादसों में कारण करीब डेढ़ दर्जन से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और इतने ही कोहरे के कारण होने वाले हादसों में घायल हुए हैं।

हर साल 12 हजार लोगों की मौत

एक रिकॉर्ड के अनुसार भारत में औसतन हर साल 30 से 35 हजार सड़क हादसे कोहरे और पतंगबाजी की वजह से होते हैं और इनमें 12 हजार लोगों को जान गंवानी पड़ती है। परिवहन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार हर साल प्रदेश में हजारों की संख्या में सड़क हादसे होते हैं। 2021 मेे यहां 20954 सड़क हादसों में 10043 लोगों ने जान गंवाई है। 2022 में राजस्थान में तकरीबन 22 हजार सड़क हादसे हुए हैं। इनमें से करीब 11 हजार लोगों ने अपनी जान गंवाई है। कोहरे के कारण 2018 से लेकर 2022 तक 500 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। हर साल राजस्थान में करीब 100 लोग जान गंवा देते हैं। एक्सपर्टस की माने तो कोहरे से दृश्यता कम हो जाने और चालक को नींद की झपकी आने से यह हादसे होते हैं।

पतंगबाजी में दो साल में हुए इतने हादसे

राजस्थान में सर्दी के इन दिनों में आसमान पतंगों से भरने लगा है। मांझा हवा में तैरता हुआ सड़कों पर गिर रहा है। इससे हादसे हो रहे हैं। जयपुर के एसएमएस अस्पताल से मिले रिकॉर्ड के अनुसार गत वर्ष 2022 में 100 लोग मांझे से कटने के बाद अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे थे। वहीं, 2021 में करीब 40 लोगों पतंग से घायल होकर एसएमएस में इलाज के लिए पहुंचे थे। गत 3 साल में पतंगबाजी से जयपुर में ही करीब 10 से अधिक लोग मर चुके हैं।

प्रशासनिक अधिकारी ये बोले…

जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि संभावित खतरों के कारण मकर सक्रांति पर धातु निर्मित, धातु मिश्रित और चाइनीज मांझे के धातु निर्मित मांझे के क्रय-विक्रय एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। मांझे से बिजली के तार में उलझने से करंट भी आ सकता है। दोपहिया वाहन चालकों और पक्षियों को जान का खतरा रहता है। इसलिए बिक्री करने वाले या काम में लेने वाले पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिला जयुपर डीसीपी ट्रैफिक प्रहलाद कृष्णियां ने बताया कि जयपुर ट्रैफिक पुलिस ने कोहरे को लेकर एडवाइजरी जारी की है, जिससे हादसों को रोका जा सके । एडवाइजरी के अनुसार पार्किंग लाइट जलाकर चलें। फ्लाईओवर, हाईवे पर गाड़ी नहीं रोकें । वाहन चलाते वक्त फॉग लाइट और सीट बैल्ट का प्रयोग करें। हाई बीम पर लाइट नहीं जलाएं और स्पीड धीमी रखें। जयपुर कमिशरनेट के अति. पुलिस आयुक्त कैलाश चंद्र विश्नोई ने बताया कि पक्के धागे से धातु से बने मांझे की बिक्री पर रोक लगाई गई है। जान माल की सुरक्षा को लेकर कार्रवाई के प्रावधान है।

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