जिहाद के नाम पर हिंदुओ की हत्याओं से बजरंग दल में आक्रोश, सख्त कानून बनाने की उठी मांग
जयपुर। बजरंग दल जयपुर की ओर से देशभर में जिहादियों द्वारा हिंदू संगठन और हिंदू समाज के लोगों की कथित रूप से साजिश पूर्वक हत्या के विरोध में कलेक्ट्रेट सर्किल पर विरोध प्रदर्शन किया गया। साथ ही कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया। ज्ञापन में आग्रह किया गया कि ‘हिंदुओं के खिलाफ बढ़ रहे हत्या के मामलों की रोकथाम के लिए कोई कठोर कानून बनाया जाए। जिससे भविष्य में हिंदू लोग विधर्मियों का शिकार ना बने।’
ज्ञापन में कही ये बात
इस ज्ञापन में लिखा गया है कि ‘आज देश एक विकट परिस्थिति से जूझ रहा है। जिसकी ओर हम आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। देश में जिहादी तत्व घृणा और आतंक का वातावरण निर्माण कर रहे हैं। कभी सर तन से जुदा गैंग सक्रिय होती है तो कभी लव जिहाद या जिहाद के अन्य प्रकारों से हिंदू समाज को आतंकित करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। हिंदू संगठनों, उनके कार्यकर्ताओं और हिंदू नेताओं पर हमले कर उनकी हत्या करने की कई घटनाएं सामने आई हैं। 8 जनवरी 2023 को असम के करीमगंज जिले के लोविरपुरा में बजरंग दल के एक 16 वर्षीय कार्यकर्ता शंभू कैरी की एक जिहादी द्वारा चाकू से गोदकर निर्मम हत्या कर दी गई।‘
ज्ञापन में आगे लिखा गया कि ‘पिछले 2 वर्षों में ही बजरंग दल के 9 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है और 32 कार्यकर्ताओं पर हमले हुए हैं। जो घटना अभी दिल्ली में हुई है। वह भी चिंता पैदा करती है। जिसमें दो हत्यारों ने एक हिंदू की निर्मम हत्या कर दी और उसके 32 टुकड़े करने के बाद कहा कि उसके निशाने पर कई हिंदू नेता भी हैं। आतंक फैलाने के लिए किए गए इन हमलों में दो नई रणनीतियां सामने आ रही हैं। हमलों के लिए नाबालिगों को आगे किया जा रहा है। जो बकरों की कुर्बानी और गलत शिक्षा के कारण पहले से ही क्रूरता और घृणा से कूट-कूट कर भरे होते हैं। कई घटनाओं में उन्होंने हत्या करने वाली गैंग को भी सुपारी दी है, जैसा कि दिल्ली के हत्याकांड से स्पष्ट हुआ है।’
ज्ञापन के जरिए राष्ट्रपति से बजरंग दल ने की ये मांगे
. केंद्र सरकार से आग्रह करें कि घृणा फैलाने और झूठे विक्टिम कार्ड खेलकर मुस्लिम समाज को भड़काने वाले मौलवियों और नेताओं पर नियंत्रण करने के लिए एक कठोर कानून बनाएं।
. इन हमलों में सम्मिलित अवयस्कों को वयस्क के समान माना जाए। जिससे अवयस्कों को मिलने वाला संरक्षण इन क्रूर हमलावरों और हत्यारों को न मिल सके।
. हिंसा के लिए प्रेरित करने वाले तत्व विभिन्न नामों से सामने आते रहते हैं। सिम्मी, पीएफआई, सिटीजन फोरम आदि केवल नाम है। लेकिन प्रेरक तत्व जिहादी विचारधारा है। जिस पर रोक लगाने के लिए एक आवश्यक कठोर कानून बनाना चाहिए। इसके लिए आप कृपया केंद्र सरकार को उपयुक्त निर्देश दें।
. घृणा का वातावरण बनाने में मदरसों का बड़ा योगदान है। उन पर नियंत्रण की प्रभावी व्यवस्था बनानी चाहिए, यह समय की मांग है।
. हम विश्वास करते हैं कि आपके कुशल नेतृत्व में वर्तमान सजग और सशक्त केन्द्र सरकार हिंदू समाज को हिंसा और घृणा के इस वातावरण से अवश्य मुक्त कराएगी।