'आज हमारे राम आ गए...' PM मोदी बोले- सदियों के इंतजार के बाद एक नए कालचक्र का हुआ उद्गम
Ayodhya Ram Mandir Inauguration: देश की धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा सोमवार को पूरे विधि विधान के साथ संपन्न हुई जहां 84 सेकेंड के विशेष मुहूर्त में श्रीरामलला का आगमन हुआ. वहीं इस दौरान गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RSS प्रमुख मोहन भागवत, यूपी की गवर्नर आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे.
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सदियों के इंतजार के बाद आज हमारे राम आ गए हैं और यह पल पवित्रतम है. उन्होंने कहा कि यह माहौल, यह वातारण, यह ऊर्जा, यह घड़ी प्रभु श्रीराम का हम सब पर आशीर्वाद है.
पीएम मोदी ने कहा कि 22 जनवरी 2024 का यह सूर्य एक अद्भुत आभा लेकर आया है जहां आज की तारीख कैलेंडर पर लिखी एक डेट नहीं बल्कि यह एक नए कालचक्र का उद्गम है.
मैं प्रभु राम से क्षमा भी मांगना चाहता हूं - पीएम मोदी
पीएम मोदी ने संबोधन की शुरुआत में कहा कि सदियों की प्रतीक्षा, त्याग, तपस्या और बलिदान के बाद हमारे प्रभु राम आ गए और कितना कुछ कहने को है लेकिन कंठ अवरुक्त हो गया है. उन्होंने कहा कि मैं अभी गर्भगृह में ऐश्वर्य चेतना का साक्षी बनकर सबके सामने उपस्थित हुआ हूं और अब हमारे रामलला टेंट में नहीं रहेंगे वह इस दिव्य मंदिर में रहेंगे.
वहीं पीएम मोदी ने आगे कहा कि "मैं प्रभु राम से क्षमा भी मांगना चाहता हूं क्योंकि शायद हमारे त्याग और पुरुषार्थ में कुछ तो कमी रही होगी जो हम इतनी सदियों तक यह काम कर नहीं पाए जो आज हुआ है. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि प्रभु राम मुझे अवश्य माफ करेंगे.
आज के सूरज में एक अद्भुत ऊर्जा है - पीएम मोदी
मोदी ने आगे कहा कि आज का ये माहौल, ये वातावरण, ये ऊर्जा, ये घड़ी हम सब पर प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद है और 22 जनवरी 2024 का सूरज एक अद्भुत ऊर्जा लेकर आया है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के बाद से देशवासियों में नया उत्साह पैदा हो रहा था और आज हमें सदियों की धरोहर मिली है.
पीएम ने कहा कि गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा होता राष्ट्र ऐसे ही नवइतिहास का सृजन करता है और आज से हजार साल बाद भी लोग आज के इस पल और इस तारीख की चर्चा करेंगे. पीएम ने कहा कि मैं इस समय दैवीय अनुभूति कर रहा हूं और वे दैवीय अनुभूतियां भी इस समय हमारे आसपास मौजूद हैं जिन्हें मैं कृतज्ञतापूर्वक नमन करता हूं.