क्रिकेट प्रेमियों के लिए खास है 14 अगस्त का दिन, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से जुड़ा है ये खास किस्सा
क्रिकेट इतिहास में 14 अगस्त का दिन काफी खास है। इस तारीख से 2 दिग्गज खिलाड़ियों का नाम जुड़ा हुआ है। यह खास दिन एक के लिए 'अवसान' और दूसरे के लिए जीवन का सबसे बड़ा दिन था, यह दोनों वाकये इंग्लैंड में हुए थे। दरअसल 1948 में आज ही के दिन डॉन ब्रैडमैन ओवल में अपनी आखिरी टेस्ट पारी में बिना खाता खोले आउट हो गए थे, वहीं दूसरी और आज ही के दिन 1990 में सचिन तेंदुलकर ने मैनचेस्टर में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक जड़ा था।
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(1) डॉन ब्रैडमैन
आज से 75 साल पहले यानी 1948 में ऑस्ट्रेलियाई टीम पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए इंग्लैंड दौरे पर गई हुई थी। इस सीरीज का पांचवा मुकाबला लंदन के ओवल मैदान पर खेला गया था। उस मुकाबले में सबकी निगाहें ब्रैडमैन पर थीं, जिन्हें 100 की औसत हासिल करने के लिए सिर्फ 4 रनों की जरूरत थी। इसके बाद जो कुछ हुआ, उसे देखने के लिए कोई क्रिकेट प्रशंसक तैयार नहीं थे, ब्रैडमैन स्ट्राइक पर थे और गेंद एरिक होलीज के पास थी, जिनके पास टेस्ट खेलने का ज्यादा अनुभव नहीं था।
ब्रैडमैन ने पहली गेंद को सिली का सामने की और खेला। एरिक ने दूसरी गेंद ऐसी फिरकी डाली, जिसे ब्रैडमैन समझ नहीं पाए और बोल्ड हो गए। मतलब एरिक ने दूसरी गेंद में ब्रैडमैन को क्लीन बोल्ड कर दिया। इंग्लैंड ने वह टेस्ट से गंवाया था, इसी वजह से ब्रैडमैन को दूसरी पारी में उतरने का अवसर नहीं मिला। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 52 टेस्ट मैचों के टेस्ट करियर में ब्रैडमैन का एवरेज 99.94 ही रहा है वह चार रन से 7000 रन पूरा करने से चूक गए थे।
(2) सचिन तेंदुलकर
वर्तमान क्रिकेट भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने आज ही के दिन 17 साल की आयु में पहला शतक जड़ा था। उन्होंने यह शतक इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में लगाया था। उस मैनचेस्टर टेस्ट मैच में 408 रनों का पीछा कर रही भारतीय टीम के छह विकेट 183 रन पर गिर चुके थे। लेकिन छठे नंबर पर उतरे सचिन तेंदुलकर ने मनोज प्रभाकर के साथ 160 रनों की मजबूत साझेदारी कर भारत को मैच ड्रॉ करवाने में मदद की।