For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

Atiq Ahmed : खुद अतीक ने ही कराई अपनी हत्या ? राजनीतिक रसूखदारों के नाम सामने आते ही इन नेताओं ने दी सुपारी !

03:22 PM Apr 17, 2023 IST | Jyoti sharma
atiq ahmed   खुद अतीक ने ही कराई अपनी हत्या    राजनीतिक रसूखदारों के नाम सामने आते ही इन नेताओं ने दी सुपारी

प्रयागराज। अतीक अहमद (Atiq Ahmed) हत्याकांड वाले मामले में परत-दर परत कई खुलासे हो रहे हैं। अतीक अहमद की हत्या किसी गैंगस्टर ने रची थी या फिर खुद अतीक ने अपनी ही हत्या की सुपारी दी थी, यह अभी भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है। अतीक खुद ही अपनी मौत को बुलावा दे सकता है ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अतीक अहमद पहले भी इस तरह खुद पर हमले करवा चुका है। दूसरी तरफ यह भी सामने आ रहा है कि अतीक ने कस्टडी के दौरान पूछताछ में कई राजनीतिक रसूखदार ओं के नाम लिए थे, जिससे उन नेताओं को अपनी इनसिक्योरिटी महसूस होने लगी थी और उन्होंने अतीक को मौत के घाट उतारने का प्लान बना लिया था।

Advertisement

20 साल पहले Atiq Ahmed ने खुद पर फिंकवाया था बम

बात 7 अगस्त साल 2003 की है। जब अतीक पर एक बम से हमला किया गया था। अतीक ने अपने विरोधियों को फंसाने के लिए और एसपी को इस बम ब्लास्ट का दोषी बनाने के लिए खुद पर ये बम ब्लास्ट करवाया था। अतीक अहमद (Atiq Ahmed) को एक मामले में कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाया जा रहा था, अतीक की उस समय सुरक्षा बेहद कड़ी की गई थी लेकिन उस दौरान भी अचानक किसी ने अतीक पर बम फेंक दिया। बम फटते ही अतीक जमीन पर गिर जाता है और उसके चेहरे और  सिर में गंभीर चोट आ जाती है।

विरोधियों को फंसाने के लिए खुद अतीक ने अपनी मौत की रची थी साजिश

इस हादसे के बाद पुलिस और सुरक्षा बल तुरंत अतीक को लेकर अस्पताल पहुंचते हैं। यहां अतीक ने अपने बयान में उस समय के एसपी सिटी लाल जी शुक्ला पर यह हमला कराने का आरोप लगाया था, क्योंकि लाल जी शुक्ला अतीक अहमद की माफियागिरी के खिलाफ पुलिस अभियान चला रहे थे इसलिए अतीक ने उन्हें फंसाने के लिए ऐसा बयान दिया था। अतीक अहमद पर जब ये हमला हुआ तो उसके समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया था और पूरे शहर में अफरा-तफरी मच गई।

बिल्कल इसी तरह अब हुआ था Atiq Ahmed पर हमला

अब बीती 15 अप्रैल को जिस तरह अतीक पर यह हमला हुआ, वह बिल्कुल वैसा ही था जैसा 20 साल पहले अतीक ने खुद अपने ऊपर करवाया था। इसलिए पुलिस और जांच एजेंसियां इस मामले को गंभीर रूप से देख रही हैं और इस एंगल से भी जांच कर रही हैं कि अतीक (Atiq Ahmed) पर गोली चलाने वाला अतीक का ही जाना पहचाना कोई व्यक्ति था, इसलिए उसने जीप से उतरते ही उसकी तरफ देख कर इशारा किया। इस पूरे घटनाक्रम के  मिनट टू मिनट मूमेंट को बेहद बारीकी से जांचा और परखा जा रहा है।

राजनीतिक रसूखदारों के नाम के खुलासे करने पर रची गई साजिश

दूसरी तरफ यह भी खुलासा हुआ है कि अतीक ने रिमांड के दौरान पूछताछ में कई राजनीतिक लोगों के नाम लिए थे, जो काफी ऊंची पहुंच रखते हैं और अतीक का उनसे काफी गहरा संबंध है। इनके नाम जब पुलिस को पता चले तो इन राजनीतिक रसूखदारों में खलबली मच गई कि अब तो इनका नाम बाहर आते ही इनके काले कारनामे भी उजागर हो जाएंगे। इसलिए इन्हीं लोगों ने अतीक की हत्या का षड्यंत्र रचा और मीडिया और पुलिस के सामने ही उसकी हत्या करवा दी।

इन लोगों के नाम अतीक ने गिनाए

बता दें कि अतीक ने जिन लोगों के नाम गिनाए थे उनमें रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े कई बिल्डर, कई राजनेता, कई होटल कारोबारी, कार शोरूम के मालिक और कुछ बड़े अफसर भी थे। इनमें प्रयागराज के ही सबसे बड़े बिल्डर विनायक ग्रुप के मालिक संजीव अग्रवाल, पूर्वांचल में बड़े-बड़े मॉल शॉपिंग कंपलेक्स और आवासीय परियोजना चलाने वाले नामी बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम, खालिद जफर, कार शोरूम के संचालक अमित भार्गव, बिल्डर अमित गोयल समेत 45 से भी अधिक बड़े लोगों के नाम है। इनमें कई राजनीतिक लोग भी शामिल हैं।

सपा से सांसद रहा, अपना दल का अध्यक्ष रहा…सभी से घनिष्ठ संबंध

इसे लेकर के ED ने अतीक के बताए हुए 15 ठिकाने पर छापेमारी भी की थी और संपत्ति और दस्तावेज के रिकॉर्ड लिए जा चुके थे। जिससे इन रसूखदारों को ये आभास हो गया था कि अब इनके नाम बाहर आते देर नहीं लगेगी। इसलिए उन्होंने इस वारदात को अंजाम देने का षड्यंत्र रचा। गौरतलब है कि अतीक सांसद रह चुका है। वह साल 2004-2009 तक सपा के टिकट पर सांसद चुना गया था, इसके पहले  वो साल  1999-2003  में सोने लाल पटेल की गठित की गई अपना दल का अध्यक्ष भी रह चुका  था। उसके कई बड़े-बड़े नेताओं से संपर्क हैं।

राजनीति में रहते हुए भी उसने नेताओं के कहने पर कई लोगों की हत्या की सुपारी ली थी। हालांकि इन नेताओं के नाम उजागर नहीं किए गए हैं। लेकिन जांच एजेंसी एंगल को लेकर इन्वेस्टिगेशन कर रही है लेकिन अतीक की मौत के बाद प्रयागराज से पूर्वांचल तक फैले काली कमाई कारनामों के बड़े दफन हो गए हैं। जिसे उजागर करना पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए खीर साबित हो सकती है।

.