वाजपेयी का राजस्थान से गहरा नाता…सामरिक शक्ति का लोहा मनवाकर विश्व में छोड़ी थी अमिट छाप
Atal Bihari Vajpayee birthday : जयपुर। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को बीजेपी आज देशभर में सुशासन दिवस के रूप में मना रही है। लेकिन, क्या आपको पता है कि अटल बिहारी वाजपेयी का राजस्थान से भी गहरा नाता रहा है। वो वाजपेयी ही थे, जिन्होंने जैसलेमर जिले के पोकरण में परमाणु शक्ति संपन्न बनकर विश्व को भारत शक्ति दिखाई थी। इसके बाद पोकरण परमाणु शक्ति के नाम से विश्व विख्यात हुआ था। खास बात ये रही थी कि अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदर्शिता काम आई थी और यहीं से उन्होंने पूरी दुनिया में लोहा मनवाया था।
राजस्थान के पोखरण में साल 1998 में 11 व 13 मई को भारत ने दो-तीन परमाणु विस्फोट कर सारे विश्व में तहलका मच गया था। इसके साथ ही भारत भी परमाणु शक्तियों से संपन्न हो गया था। परीक्षण के इन धमाकों से सारा संसार चकित रह गया था। परीक्षण स्थल के आस-पास के मकानों में भी दरारें पड़ गई। लेकिन, देश की इस महान उपलब्धि के सामने लोगों को अपने घरों के टूटने से इतनी चिंता नहीं हुई जितनी खुशी इस महान सफलता से हुई।
परमाणु शक्ति के नाम से विश्व विख्यात हुआ था पोकरण
अलट बिहारी वाजपेयी ने ही पोकरण से सामरिक शक्ति का लोहा मनवाकर विश्व में अमिट छाप छोड़ी थी और भारत परमाणु शक्ति के रूप में विश्व में उभरा था। पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में सफल परमाणु परीक्षण के बाद पोकरण परमाणु शक्ति के नाम से विश्व विख्यात हुआ था। खास बात यह है कि 58 किलो टन क्षमता वाला परमाणु बम जापान के हिरोशिमा में गिराए गए परमाणु बम लिटिल बॉय से छह गुना अधिक शक्तिशाली था।
परमाणु परीक्षण के बाद जुड़ा था जय विज्ञान का नारा
सफल परमाणु परीक्षण के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 20 मई को बुद्ध-स्थल पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने भारत को परमाणु शक्ति घोषित किया था। तब भारत परमाणु देशों की सूची में शामिल होने वाला छठा देश बन गया था। उस वक्त वाजपेयी ने जय जवान, जय किसान के साथ ही जय विज्ञान का नारा जोड़ा था। तब सभी देशवासी प्रधानमंत्री के साथ-साथ गर्व से भर उठे थे। इन परीक्षणों का असर परमाणु संपन्न देशों पर बहुत अधिक हुआ था। अमरीका, रूस, फ्रांस, जापान और चीन आदि देशों ने भारत को आर्थिक सहायता न देने की धमकी भी दी थी। लेकिन, ये वाजपेयी की कार्यशैली का कमाल था कि भारत इन धमकियों के सामने नहीं झुका था।
जाटों को ओबीसी में शामिल करने की घोषणा
इसके अलावा प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जाटों को ओबीसी में शामिल करने की घोषणा पहली बार 1999 में राजस्थान के सीकर में आयोजित एक जनसभा में की थी। उसके बाद राजस्थान में जाट जाति को ओबीसी में शामिल किया गया था।
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