खगोल वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता, बृहस्पति के 12 नए चंद्रमा की खोज
वाशिंगटन। खगोल वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने बृहस्पति ग्रह के 12 और नए मून्स की खोज की है। इस खोज के कारण बृहस्पति ग्रह के कूल मून्स की संख्या 92 हो चुकी है। बृहस्पति हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। इसके पहले शनि ग्रह के सबसे अधिक कूल 83 चंद्रमा थे।
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बृहस्पति शनि को पछाड़ते हुए चंद्रमाओं का राजा बन चुका है। इटेलियन एस्ट्रोनोमर गेलिलि ने 1610 में पहली बार जूपिटर उसके चंद्रमाओं की खोज की थी। खोज टीम में शामिल कार्नेगी इंस्टीट्यूट के स्कॉट शेफर्ड के अनुसार नए चंद्रमाओं का साइज 1 से 3 किमी. तक रेंज करता है।
यूरोपियन स्पेस एजेंसी भेजेगी स्पेसक्राफ्ट
अब यूरोपियन स्पेस एजेंसी बृहस्पति पर जूपिटर आइसी मून्स एक्सप्लोरर नामक स्पेसक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रही है। इससे बृहस्पति और उसके सबसे बड़े और ठंडे चंद्रमाओं के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। 400 साल बाद यूरोपा, गेनीमेड और कैलिस्टो (बृहस्पति के सबसे बड़े उपग्रह) की सबसे स्पष्ट तस्वीरें देगा।
यह विश्व का पहला ऐसा स्पेसक्राफ्ट होगा जो बृहस्पति के चंद्रमा का चक्कर लगाएगा। बृहस्पति पृथ्वी से 600 मिलियन किमी दूरी पर है। अक्टूबर 2024 में स्पेस एजेंसी नासा भी यूरोपा क्लिपर को बृहस्पति पर भेजेगा।
खोज हवाई और चिली के टेलीस्कोप से
शेफर्ड के अनुसार उनकी खोज हवाई और चिली के टेलीस्कोप के द्वारा 2021 और 2022 में की गई। उनके ऑर्बिट्स के बारे में आगे के ऑब्जर्वेशन में पुष्टि की गई। शेफर्ड अब तक बृहस्पति के 70 चंद्रमाओं की खोज में हिस्सा ले चुके हैं। बृहस्पति और शनि छोटे चंद्रमाओं से भरे हैं जो बड़े चंद्रमाओं के टुकड़े माने जाते हैं, जो एक दूसरे से या कोमेट्स और एस्ट्रॉयड से टकराए हों।
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