अशोक गहलोत हाजिर हों...मानहानि मामले में कोर्ट ने नहीं लगाई समन पर रोक, 7 अगस्त को पेशी के आदेश
Ashok Gehlot vs Gajendra Singh Shekhawat: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत की ओर से लगाए गए मानहानि मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से एक बड़ा अपडेट आया है जहां कोर्ट ने समन पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सीएम गहलोत को वीसी के जरिए पेश होने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने गहलोत को 7 अगस्त को वीसी के जरिए पेश होने की तारीख दी है. मालूम हो इससे पहले कोर्ट ने मुख्यमंत्री को समन जारी कर 7 अगस्त को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है.
वहीं इससे पहले निचली अदालत में सीएम गहलोत को अदालत में पेश होने से छूट मिल चुकी थी जिसके बाद गहलोत की निगरानी याचिका पर स्पेशल जज एमके नागपाल ने मंगलवार को आदेश देते हुए गहलोत को वीसी के जरिए 7 अगस्त को पेश होने के निर्देश दिए हैं.
दरअसल यह पूरा मामला मानहानि का है जिसे गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर किया गया है. केंद्रीय मंत्री ने सीएम गहलोत के खिलाफ संजीवनी मामले में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी. बता दें इस मामले में दिल्ली पुलिस पहले ही कोर्ट में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश कर चुकी है.
संजीवनी घोटाले को लेकर हुए मानहानि केस
मालूम हो कि सीएम अशोक गहलोत ने बीते दिनों कहा था कि एसओजी की जांच में संजीवनी घोटाले में मंत्री का अन्य गिरफ्तार आरोपियों की तरह ही जुर्म साबित हुआ है. वहीं सीएम ने शेखावत के अलावा उनके परिवार के लोगों का भी घोटाले में लिप्त होने के आरोप लगाए थे.
गहलोत के इस बयान के बाद शेखावत ने दिल्ली कोर्ट में उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाते हुए एक आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करवाया था. शेखावत ने अपनी शिकायत में कहा था कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने उनका चरित्र हनन करने के साथ ही उनकी दिवंगत मां को भी आरोपी बताया है.
गहलोत-शेखावत में पुरानी है तनातनी
गौरतलब है कि 2020 में सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद से अशोक गहलोत लगातार गजेंद्र सिंह शेखावत पर हमलावर रहे हैं और वह अक्सर कई मौकों पर शेखावत पर निशाना साधते रहते हैं. वहीं शेखावत भी आरोपों पर लगातार जवाब देते रहते हैं. इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनावों में शेखावत ने गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को बड़े मार्जिन से जोधपुर सीट से हराया था.