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सीएम गहलोत ने कहा- हमारे लिए गर्व की बात, राजस्थान की दो विभूतियां आज देश की संसद को चला रही हैं

11:47 AM Jan 11, 2023 IST | Jyoti sharma

राजस्थान की राजधानी जयपुर में 83वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उपसभापति राज्यसभा हरिवंश ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में पूरे देश के राज्यों के विधानसभा के सभापति शामिल हुए। सीएम गहलोत ने इनका विधानसभा में स्वागत किया। इस कार्यक्रम में राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी शामिल हुए। सम्मेलन में सांसद किरोणी लाल मीणा, सांसज घनश्याम तिवाड़ी भी मौजूद रहे।

पीठासीन अधिकारियों पर भी जिम्मेदारी

सीएम गहलोत ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सदन में पक्ष और विपक्ष अपनी-अपनी भूमिका निभाता है। उसमें पक्ष अपनी बात करता है विपक्ष अपनी बात करता है। देश का भविष्य सुनहरा है इसे और मजबूत करने के लिए हमें संकल्प लेना चाहिए। देश में जो माहौल बना रहता है इसका काफी हद तक सदन में प्रभाव पड़ता है। ऐसे में पीठासीन अधिकारी पर काफी जिम्मेदारी आ जाती है।

धनखड़-बिरला दोनों पर राजस्थान को गर्व

सीएम ने कहा कि राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला दोनों ही राजस्थान के सदन के सदस्य रह चुके हैं। हमें इस बात का गर्व है कि राजस्थान के ये दोनों विभूतियां आज देश की संसद को चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली में नवाचार जरूरी है। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू की सरकार में श्यामा प्रसाद मुखर्जी, भीमराव आंबेडकर जैसे नेता थे। जिनके चलते देश ने एक गौरवशाली परंपरा रही है देश की। इसलिए यह न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से काम कर रही है।

विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की तारीफ की

सीएम ने सीपी जोशी की तारीफ भी की। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि स्पीकर डॉ. सीपी जोशी क्रांतिकारी नेता है, ये अपने मूल विचार प्रकट करते ही करते है, विधानसभा के कई स्पीकर रहे हैं जिनमें से रामनिवास मिर्धा बड़ी हस्ती थे। स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने जो नवाचार किया वो ऐतिहासिक है। 1952 से लेकर अब तक प्रोसेसिंग डिजिटल का, विधायक आवास का, कांस्टीट्यूशन क्लब का, शानदार विधायकों के आवास बन रहे है, इसका श्रेय स्पीकर जोशी ने मुझे दिया। लेकिन जब तक इनका सहयोग नहीं मिलता ये काम नहीं हो पाता।

सभी पीठासीन अधिकारियों ने पधारो म्हारे देश की संस्कृति का अनुभव किया

इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पधारो म्हारे देश की संस्कृति का अनुभव आज सभी पीठासीन अधिकारियों ने किया। बिरला ने कहा कि आम जनता की आकांक्षाएं पूरी हों, इसके लिए इस सम्मेलन के जरिए प्रयास किया जा रहा है। इसमें वे अपने अनुभव और अपने नवाचारों को शेय़र करते हैं। इसके लिए लगातार संवाद चलता रहता है। इतने वर्षों में हमारा विधानमंडल प्रभावी रहा है। भारत के लोकतंत्र में सभी को आजादी है। इससे ही लोगों के जीवन में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन हुए हैं। इसे प्रभावी रुप  से विश्व की संसदों के सामने भी रखा गया है जहां से भी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं।

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