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'ऐसी बेवकूफी नहीं करना चाहिए कि मुझे बुलाया नहीं गया, जाने से नुकसान हो तो क्या फायदा?' गहलोत का पायलट पर पलटवार

Ashok Gehlot and Sachin Pilot : अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच बयानबाजी शुरू होने से कांग्रेस में हलचल मच गई है।
05:01 PM May 14, 2024 IST | BHUP SINGH
 ऐसी बेवकूफी नहीं करना चाहिए कि मुझे बुलाया नहीं गया  जाने से नुकसान हो तो क्या फायदा   गहलोत का पायलट पर पलटवार

Ashok Gehlot and Sachin Pilot : जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट के बीच एक बार फिर से जुबानी जंग शुरू हो गई है। राहुल गांधी के प्रचार-प्रसार में जुटे गहलोत ने अमेठी में मीडिया से बातचीत करते हुए पायलट पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ऐसी बेवकूफी न करें कि बुलाया नहीं।

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प्रियंका गांधी आईं थी, सचिन आते तो सब वेलकम करते, जाने से नुकसान हो तो क्या फायदा? इससे पहले पायलट ने 25 सितंबर, 2022 की घटना का जिक्र करते हुए गहलोत को घेरने का प्रयास किया था। दोनों नेताओं के बीच फिर से बयानबाजी शुरू होने के बाद कांग्रेस में हलचल मच गई। राजनीतिक जानकार इसके अलग-अलग सियासी मायने निकाल रहे हैं। बता दें कि गहलोत के बेटे वैभव ने जालौर-सिरोही सीट से लोकसभा चुनाव लड़े हैं।

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अमेठी में मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत ने कहा कि कई इस तरह की बातों को चुनाव में मुद्दा बना दिया जाता है, लेकिन इस तरह के मुद्दों पर कॉमेंट करने से बचना चाहिए। चुनाव में कई बार ये अनावश्यक इश्यू बनाया जाता है, लेकिन ऐसी बेवकूफी भी नहीं करनी चाहिए कि मुझे बुलाया नहीं गया।

पायलट को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। इसकी जरूरत नहीं थी। जिसमें उन्होंने कहा कि मुझे जालौर-सिरोही चुनाव प्रचार के लिए नहीं बुलाया गया। कई बार ऐसा हो जाता है, समय नहीं मिल पाता है। हालांकि, प्रियंका गांधी जब चुनाव प्रचार करने के लिए आई थी तो सचिन पायलट भी साथ आते, उनका भी वेलकम होता, लेकिन इस तरह के बयान देने को मैं सही नहीं मानता हूं।

गहलोत ने कहा कि मैं जयपुर ग्रामीण में अनिल चोपड़ा के चुनाव प्रचार में नहीं जा पाया। मेरे OSD से उनकी बात हुई थी, लेकिन समय का तालमेल नहीं बैठ पाया। अगर मैं इस मुद्दे पर बयान देता और कहता कि मैं चोपड़ा के यहां जाना चाहता था, लेकिन मुझे फीडबैक नहीं मिला, यह ठीक नहीं होता है।

चुनाव के वक्त इस तरह के बयान कैंडिडेट को नुकसान पहुंचाते हैं। हर उम्मीदवार जीतने के लिए चुनाव लड़ता है। वहां की क्या परिस्थितियां है, किस नेता की जरूरत है, उसी हिसाब से पार्टी कंट्रोल रूप से मांग की जाती है। बेतुके बयानों से कैंडिडेट को नुकसान होता है।

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लोकसभा चुनाव के बीच सचिन पायलट ने एक न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू दिया था। पायलट के इस इंटरव्यू ने कांग्रेस की सियासत में खलबली मचा दी। उन्होंने 25 सिंतबर, 2022 की सियासी घटना जिक्र करते हुए इशारों में गहलोत को घेरने का प्रयास किया। अब गहलोत ने पायलट को लेकर बयान दे दिया है। इसे बाद फिर से सियासी चर्चा तेज हो गई है।

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