दिल्ली में राहुल गांधी के आवास के बाहर बीजेपी पर बरसे गहलोत
जयपुर। राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि मौजूदा सरकार का हश्र पूर्ववर्ती जनता पार्टी के नेतृ्त्व वाली सरकार जैसा होगा, जिसे लोगों ने इसी तरह की कार्रवाईयों पर धूल चटा दी थी और इंदिरा गांधी को फिर से चुना। गहलोत राहुल गांधी के आवास के बाहर पत्रकारों से कहा कि दिल्ली पुलिस का नोटिस ‘इंदिरा गांधी के समय की याद दिलाता है, जब इसी तरह की घटनाएं हुई थीं’ और सभी ने परिणाम देखा।
दिल्ली पुलिस रविवर को ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के दौरान ‘महिलाओं का अब भी हो रहा यौन उत्पीड़न’ वाली टिप्पणी के संबंध में गांधी के आवास पर पहुंची और एक नोटिस दिया। गहलोत ने कहा कि केंद्र अपने कार्यों के साथ नई मिसाल कायम कर रहा है। एडोल्फ हिटलर शुरुआत में काफी लोकप्रिय था लेकिन उसके बाद उसके साथ जो हुआ, उसे सभी ने देखा। उन्होंने दावा किया कि ‘इस देश में लोकतंत्र खतरे में है। सरकार न केवल पुलिस को निर्देश दे रही है बल्कि उसके कार्यों की निगरानी भी कर रही है।
गहलोत ने कहा कि इंदिरा जी के समय में जब जनता पार्टी का शासन आया था, वे (तत्कालीन सरकार) इस तरह की गतिविधियों में लिप्त थे और लोगों ने इसका जोरदार जवाब दिया और 1980 में इंदिरा गांधी को भारी बहुमत मिला और वे सत्ता में लौटीं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की कार्रवाईयों से एक बार फिर यही होगा। गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें नोटिस मिला था और वह जवाब देंगे, लेकिन इसके बावजूद पुलिस उनके आवास पर गई। आज की घटना कोई छोटी घटना नहीं है।
पूरा देश तनाव में, केंद्र सरकार का तानाशाही रवैया नहीं चलने देंगे
गहलोत ने एआईसीसी संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम यह तानाशाही रवैया नहीं चलने देंगे, हम लोगों के पास जाएंगे।उन्होंने जांच एजेंसियों के कार्यों की भी आलोचना की और कहा कि दुर्भाग्य से आज ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का तांडव इस सरकार ने शुरू किया है। न्यायपालिका दबाव में है, प्रधान न्यायाधीश भलें कुछ कहें, दबाव उच्च न्यायालयों और उच्चाधिकारियों पर है और दुनिया इसके बारे में जानती है। निर्वाचन आयोग दबाव में है।
ऐसे में लोकतंत्र कैसे बचेगा। गहलोत ने कहा कि पुलिस बिना किसी कारण के राहुल गांधी के आवास में घुसने की हिम्मत कैसे कर सकती है क्योंकि वह एक राष्ट्रीय नेता और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब भी कोई देश में लोकतंत्र और अन्य चीजों के बारे में बात करता है, तो यह सरकार इतनी परेशान और घबरा क्यों हो जाती है और कई लेखकों और पत्रकारों को जेलों में डाल दिया गया। उन्होंने दावा किया कि पूरा देश तनाव में जी रहा है।
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