Ashok Gehlot Jodhpur Visit : 73 वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव में सीएम गहलोत ने लवकुश वाटिका-बॉटनिकल गार्डन का किया शिलान्यास
Ashok Gehlot Jodhpur Visit : प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने गृह नगर जोधपुर के दौरे पर हैं। उन्होंने आज यहां 73वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने यहां स्थित पद्मश्री कैलाश सांखला स्मृति वन में पौधरोपण किया। उन्होंने यहां महोत्सव के अंतर्गत लगाई गई वनोपज, औषधियां, हर्बल प्रोडक्ट और हस्तशिल्प उत्पादों के स्टॉल देखे। इसके साथ ही उन्होंने इन्हें बनाने वाले स्वयं सहायता समूह के प्रतिनिधियों से चर्चा की और उत्पादों की जानकारी ली।इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने 2 करोड़ की लागत से बनने वाली लवकुश वाटिका और 5 करोड़ की लागत से बनने वाली बॉटनिकल गार्डन का शिलान्यास किया
लोगों को पौधरोपण के लिए किया जा रहा है जागरूक
कार्यक्रम में अशोक गहलोत ने संबोधन भी दिया। इस दौरान उन्होंने कहा की पर्यावरण परिवर्तन आज पूरी दुनिया में चिंता का विषय है। कई देशों के तमाम नेता इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं कई योजनाएं बना रहे हैं। इस और प्रदेश को सरकार ने भी कदम बढ़ाया है। हर घर हर परिवार को औषधि वाले पौधे बांटे जा रहे हैं। लोगों को ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्हें जागरूक किया जा रहा है।
आपातकाल का किया जिक्र
उन्होंने आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि, इमरजेंसी के समय संजय गांधी जब जयपुर आए थे तो उन्होंने पूरे शहर में जगह चुनकर पेड़ पौधे लगाने को कहा था। इस समय ही ये पौधे लगाए गए। और आज देखिए हरियाली के मामले में जयपुर जैसा शहर पूरे देश में नहीं है। ये व्यक्ति की सोच पर निर्भर करता है। पर्यावरण संतुलन के क्षेत्र में हर व्यक्ति को अपने स्तर पर योगदान करना चाहिए। गहलोत ने कह कि आज कल सड़के बनाने के लिए पेड़ उखाड़े नहीं जा रहे। बल्कि उन्हें शिफ्टिंग मशीन की मदद से उन्हें जड़ सहित उखाड़ कर दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है।
स्कूली स्तर पर भी अब दी जाएगी पर्यावरण की शिक्षा
कार्यक्रम के बाद अशोक गहलोत मीडिया से भी रूबरू हुए। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वृक्षारोपण के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाया जा रहा है और आगे इसे और तेज किया जाएगा।
उन्होंने कहा की उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि स्कूली स्तर पर भी अब बच्चों को पर्यावरण की जानकारी दी जाए उन्हें इसकी शिक्षा दी जाए। बच्चों को पौधरोपण की जानकारी दी जाए। उनसे पौधरोपण कराया जाए। ताकि बच्चों को इस बारे में जागरूकता हो। और वे इस क्षेत्र में और शोध कर कार्य कर सके।