राहुल गांधी पर टिप्पणी पर आजाद और सिंधिया पर भड़के गहलोत, कहा- जो नेता भाजपा से लड़ने की एक कसमें खाते थे, आज उसी के साथ खड़े हैं..
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) कांग्रेस से अलग हो चुके गुलाम नबी आजाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर राहुल गांधी के मामले में टिप्पणी करने पर भड़क गए हैं। उन्होंने दोनों नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जो नेता जिंदगी भर जिस विचारधारा से लड़ने की कसमें खाते थे, आज वही नेता भाजपा नेताओं के इशारों पर उसे फासीवादी विचारधारा की बोली बोल रहे हैं।
अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि गुलाम नबी आजाद (Gulam Nabi Azad) और ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia)ने राहुल गांधी खिलाफ ऐसे निम्न स्तरीय भाषा कही है यह किसी ने सोचा नहीं था। भाजपा के नेता थक चुके हैं। क्योंकि राहुल गांधी इतने हम लोग के बावजूद जनता की आवाज उठाने से पीछे नहीं हटे हैं। इसलिए कांग्रेस से गए इन नेताओं को टास्क दिया गया है कि वह यह सब करें। ये नेता जो जिंदगी भर जिस विचारधारा से लड़ने की कसमें खाते फिरते थे, आज भाजपा के नेताओं के इशारों पर उसे फासीवादी विचारधारा की बोली बोल रहे हैं, उस विचारधारा के साथ खड़े हो गए हैं।
कांग्रेस देशद्रोह की विचारधारा रखती है- सिंधिया
बता दें कि बीते 5 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री और पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि राहुल गांधी ने अपनी लड़ाई को लोकतंत्र की लड़ाई बना डाला है। उन्होंने राहुल और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि विपक्ष के पास देश के खिलाफ काम करने वाले देशद्रोहियों के अलावा कोई विचारधारा नहीं बची है।
उन्होंने कांग्रेस पर कोर्ट के दबाव में रहने और हमेशा सुर्खियों में बने रहने के लिए हर संभव कोशिश करने का आरोप भी लगाया था। उन्होंने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा था कि इस पार्टी ने पिछड़े वर्ग का अपमान किया है, सेना की बहादुरी का सबूत मांगा है और तो और चीन द्वारा भारत के सैनिकों के पीटे जाने पर भी उन्होंने टिप्पणी की है। कांग्रेस के पास अब कोई विचारधारा बची ही नहीं है। सिर्फ एक विचारधारा है जो देशद्रोही की है, जो देश के खिलाफ काम करती है।
ये कहा था गुलाम नबी आजाद ने..
वहीं गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि राहुल गांधी के साथ उनके राजनीतिक मतभेद हैं। लेकिन राहुल गांधी एक अच्छे इंसान हैं लेकिन कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिसमें उनकी और मेरी विचारधारा बिल्कुल अलग थी। उन्होंने यह भी कहा था कि मल्लिकार्जुन खड़गे अगर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाते हैं तो कोई नहीं जाएगा लेकिन राहुल गांधी के कहने पर यह सब जाएंगे सब बैठक करेंगे।
एक वक्त दोनों कांग्रेस के फायरब्रांड नेता थे
बता दें कि एक समय पर गुलाम नबी आजाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के फायर ब्रांड नेता कहे जाते थे। गुलाम नबी आजाद ने बीते साल कांग्रेस से मतभेद के चलते पार्टी छोड़ दी थी पार्टी छोड़ते वक्त उन्होंने अपने इस्तीफे में राहुल गांधी और खुद से मतभेद और मनभेद होने की बात कही थी। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी करीब 3 साल पहले पार्टी छोड़ दी थी ऐसा कहा जाता था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके मन मुताबिक पद ना मिलने पर उन्होंने पार्टी से जाने का फैसला लिया था।