ऑनलाइन गेमिंग कपंनियों को नोटिस भेजने पर भड़के अश्नीर ग्रोवर, बोले- GST वाले 10 साल तक सो रहे थे?
Ashneer Grover on Tax Notice for Online Gaming: जब से यह खबर आई है कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को 55,000 करोड़ रुपये की जीएसटी डिमांड का प्री-शो नोटिस भेजा गया है, ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया है। इस टैक्स डिमांड नोटिस को लेकर इंडस्ट्री की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अब पूर्व शार्क टैंक जज और भारतपे के सह-संस्थापक अश्नीर ग्रोवर ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इतना ही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय से भी इस मामले पर विचार करने को कहा है।
₹55,000 crore GST demand ! I am intrigued ki Tax vaalo ke dimaag mein kya chalta hoga aise notice bhejte samay. The only explanation is - kuchh nahi. Monopoly ki game chal rahi hai bas. Na koi tax dega itna - na Sarkar ko milega. Milegi sirf vakilo ko fees jo SC mein ise… pic.twitter.com/BB1b9g3R4E
— Ashneer Grover (@Ashneer_Grover) September 26, 2023
सरकार पर कंसा तंज
अशनीर ग्रोवर ने यहां तक कहा कि 55,000 करोड़ रुपये का यह टैक्स नोटिस सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपने में मददगार नहीं होगा और बाधा साबित हो सकता है। अश्नीर ग्रोवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट तक सरकार पर तंज कंसा है।
अश्नीर ग्रोवर ने लिखा-
55,000 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड! मैं जानना चाहता हूं कि ऐसे नोटिस भेजते समय टैक्स वालों के मन में क्या चल रहा होगा? इसका एक ही जवाब है- कुछ नहीं. एकाधिकार का खेल चल रहा है. इतना टैक्स न तो कोई देगा और न ही सरकार को मिलेगा. फीस सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के उन वकीलों को मिलेगी जो इसे कोर्ट में चुनौती देंगे. व्यवसायियों को परेशान करने का बस एक और दिन।
जीएसटी वाले 10 साल तक सो रहे थे?
अगर इतना जीएसटी बना तो क्या जीएसटी वाले 10 साल तक सो रहे थे? या फिर सभी चार बड़े अकाउंटिंग लोगों को पता ही नहीं था कि वे कंपनियों का टैक्स ऑडिट पास कर रहे हैं। इसे ही 'रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स' कहा जाता है। आज एक अधिसूचना जारी की गई (स्पष्टीकरण के रूप में) कि पहले आपका कर अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत था। कांग्रेस ने जहां वोडाफोन पर रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स लगाया, वहीं बीजेपी ने गेमिंग पर रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स लगाया। बहुत कुछ बदल गया है और कुछ भी नहीं बदला है।