आसाराम को दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा, अभियोजन ने कोर्ट में बताया आदतन अपराधी
गांधीनगर। गुजरात में गांधीनगर की एक अदालत ने स्वयंभू बाबा आसाराम बापू को एक महिला शिष्या के साथ दुष्कर्म के मामले में मंगलवार को सजा सुनाई है। गांधीनगर की सेशन कोर्ट ने आसाराम को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। सत्र न्यायाधीश डी के सोनी ने सजा का ऐलान किया। अभियोजन पक्ष ने अपनी दलीलों में आरोपी आसाराम बापू को उम्रकैद देने की मांग की। साथ ही कहा कि आरोपी आदतन अपराधी है और उस पर भारी जुर्माना भी लगाने की मांग की।
वहीं अदालत ने सबूतों के अभाव में आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन, बेटी भारती, निर्मला लालवानी, मीरा कलवानी, ध्रुवबेन लालवानी और जावंतीबेन चौधरी को बरी कर दिया। अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच महिला से कई बार बलात्कार किया, जब वह शहर के बाहरी इलाके में स्थित उसके आश्रम में रहती थी। मामले में अभियोजक कोदेकर ने कहा कि आसाराम ने जो अपराध किया है, उसमें उम्रकैद या फिर 10 साल की सजा का प्रावधान है, लेकिन हमने मांग की है कि आसाराम ऐसे ही एक अन्य मामले में जेल में सजा काट रहा है और आदतन अपराधी है। ऐसे में अभियोजक ने आसाराम को सख्त सजा देने और भारी जुर्माना भी लगाने की मांग की है। साथ ही पीड़िता को मुआवजे भी देने की अपील की गई है।
जोधपुर जेल में बंद है आसाराम…
इससे पहले लोक सोमवार को अभियोजक आरसी कोडेकर ने कहा, अदालत ने अभियोजन के मामले को स्वीकार कर लिया और आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (सी), 377 (अप्राकृतिक यौनाचार) और अवैध रूप से बंधक बनाने से जुड़ी धारा में दोषी ठहराया। फिलहाल आसाराम एक अन्य बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद वर्तमान में जोधपुर जेल में है। वहीं सूरत की अदालत में नारायण साईं के खिलाफ एक अलग मुकदमा चल रहा है। दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 1997 से 2006 के बीच आसाराम और उनके बेटे द्वारा संचालित मोटेरा आश्रम में उनके साथ बलात्कार किया गया था। छोटी बहन ने नारायण साईं और बड़ी ने आसाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
आठ लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ था केस…
विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने मीडिया को बताया कि पीड़िता ने सूरत पुलिस में मामला दर्ज कराया था। जिसे 2013 में अहमदाबाद पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया था। चांदखेड़ा थाना पुलिस ने आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण साईं सहित 8 लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें एक या एक से अधिक समूह में बलात्कार, सामान्य इरादे, अप्राकृतिक अपराध, महिलाओं पर आपराधिक बल, गलत तरीके से बंधक बनाना और आपराधिक धमकी देना शामिल है।
सूरत की महिला ने दर्ज कराया था केस…
बता दें कि सूरत की रहने वाली एक दो बहनों ने अक्टूबर 2013 में आसाराम और सात अन्य के खिलाफ बलात्कार और अवैध तरीके से कैद रखने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। इस मामले में 7 आरोपी थे। बाद में सबूत के अभाव में आसाराम को छोड़ सभी 6 आरोपियों को बरी किया गया। जुलाई 2014 में मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था।