For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

Asad Ahmed : 30 लोगों की मौजूदगी में असद का हुआ अंतिम संस्कार, दादा-दादी की कब्र के बगल में ही दफनाया गया

10:58 AM Apr 15, 2023 IST | Jyoti sharma
asad ahmed   30 लोगों की मौजूदगी में असद का हुआ अंतिम संस्कार  दादा दादी की कब्र के बगल में ही दफनाया गया

प्रयागराज। बाहुबली माफिया अतीक अहमद के बेटे और एनकाउंटर में मारे जा चुके उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद अहमद Asad Ahmed) और उसके साथी गुलाम का आज कसारी मसारी कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस जनाजे में करीब 30 लोग शामिल रहे। जिसमें असद की बुआ यानी अतीक की बहन और परिवार के लोग थे।

Advertisement

ड्रोन से की गई निगरानी 

जनाजे से लेकर कब्रिस्तान में उसे (Asad Ahmed) दफनाने तक पुलिस की कड़ी सुरक्षा रही। यहां तक कि ड्रोन से इसकी निगरानी की गई। मीडिया को भी कब्रिस्तान से दूर ही रोक दिया गया था। उन्हें भी अंदर आने की इजाजत नहीं मिली।

झांसी से सीधे प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान पहुंचे

असद का शव लेने के लिए उसके फूफा और बुआ कल शाम को झांसी पहुंच गए थे। इधर गुलाम का शव लेने के लिए उसकी पत्नी का भाई पहुंचा था। दोनों के शव झांसी से प्रयागराज पुलिस की निगरानी में लाए गए। जिसके बाद सीधे इन शवों को कब्रिस्तान ले जाया गया। दोनों में से किसी को भी उनके घर नहीं ले जाया गया।

मां-बाप में कोई शामिल नहीं हो पाया 

असद अहमद (Asad Ahmed) के जनाजे में ना ही उसके पिता अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और ना ही उसकी मां शाइस्ता परवीन शामिल हो पाए। क्योंकि शाइस्ता लंबे समय से फरार चल रही है और अतीक ने कोर्ट में जनाजे में शामिल होने के लिए अर्जी दी थी। लेकिन बीते शुक्रवार को अंबेडकर जयंती होने के चलते कोर्ट में अवकाश रहा। जिससे उसकी सुनवाई नहीं हो पाई। आज जब कोर्ट खुली तो उससे पहले ही असद का अंतिम संस्कार हो चुका था।

बता दें कि असद और गुलाम उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी थे। झांसी में इन दोनों की यूपी एसटीएफ से मुठभेड़ हो गई। जिसमें पुलिस ने इन दोनों को मार गिराया। इन दोनों पर 5-5 लाख रुपए का इनाम था।

दादा-दादी की कब्र के बदल में ही दफनाया गया

असद के जनाजे में शामिल हुए उसके नाना ने असद के बारे में कई बातें मीडिया से कहीं। उन्होंने कहा कि असद (Asad Ahmed) को उसके दादा और दादी की कब्र की बगल में ही दफनाया गया है। उन्होंने कहा कि असद को हमने बहुत प्यार से पाला-पोसा था। लेकिन अब हमारे सामने ही उसे सुपुर्द-ए-खाक किया जा रहा है। शाइस्ता पर सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि उसकी मजबूरी है, वह यहां नहीं है, वो यहां नहीं आ सकती।

.