ऑडिशन में हुए रिजेक्ट, एक शर्त ने अरुण गोविल को दिलाया प्रभु श्रीराम का रोल, दिलचस्प है 37 साल पुराना ये किस्सा
Role of Arun Govil in Ramayana: रामानंद सागर की 'रामायण' में प्रभु श्री राम का किरदार निभाकर घर-घर में फेमस हुए अभिनेता अरुण गोविल अयोध्या में 'राम लला' की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर पहुंचे हैं। उन्होंने अपने कॅरियर में कई फिल्मों और टीवी शोज में काम किया है, लेकिन उन्हें प्रसिद्धि मिली भगवान राम के किरदार से। रामानंद सागर की रामायण 33 साल पहले '1987' में आई थी। अरुण गोविल ने भगवान राम का किरदार निभाया था जिसके लिए सिगरेट और मांस मदिरा सब ठुकरा दिया था। प्रभु राम का का किरदार अरुण गोविल ने इस कदर सादगी से निभाया के वे सीधा लोगों के दिलों में बस गए थे।
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रामायण के टेलीकास्ट होने के बाद अरुण गोविल घर-घर में छा गए थे। उनको लेकर इस कदर क्रेज हो गया था कि लोग उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हें पहले इस किरदार के लिए रिजेक्ट कर दिया था। इस बात का जिक्र कई बार खुद अरुण गोविल कर चुके हैं। आइए जातने हैं….
पहले ऑडिशन में हुए थे रिजेक्ट
अरुण गोविल ने खुद अपने इंटरव्यू में बताया था कि पहले प्रयास में उन्हें राम के किरदार के लिए रिजेक्ट कर दिया था। शो के निर्माताओं ने कहा था कि आप प्रभु श्रीराम की तरह नहीं दिखते और स्मोकिंग भी करते हो। रामानंद सागर का कहना था कि स्मोकिंग करने वाले शख्स को प्रभु श्री राम का रोल कैसे दे सकते हैं। हालांकि, फिर अरुण गोविल को उनकी मुस्कुराहट की वजह से ये रोल मिल गया।
एक मुस्कान ने दिया रोल
जब अरुण गोविल प्रभु श्री राम का किरदार निभाने के लिए ऑडिशन देने गए थे तो सूरज बड़जात्या ने कहा कि आप बिल्कुल भी राम की तरह नहीं दिखते आपके चेहरे पर मुस्कान ही नहीं है। जब लुक टेस्ट हुआ तो अरुण गोविल ने ऐसे मुस्कुराहट दी की उन्हें राम के रोल के लिए फाइनल कर लिया। अरुण गोविल ने इस बात का यकीन दिलाया था कि वो सिगरेट को हाथ नहीं लगाएंगे और फिर उन्होंने स्मोकिंग छोड़ दी और अपने इस रोल के जरिए वो हर किसी के दिल में बस गए।
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