NDA सरकार का अहंकार रवैया….सांसदों के निलंबन पर पूर्व CM अशोक गहलोत बोले- हंस रहे है दूनिया के लोग
Former CM Ashok Gehlot Reaction on Suspension of MPs: संसद में सुरक्षा चुक मामले को लेकर अब तक 141 सांसदों पर निलंबन की कार्रवाई कर दी गई है। इस मुद्दे को लेकर अब विपक्ष के नेताओं सरकार पर ओर ज्यादा हमलावर हो गए है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। मंगलवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि मोदी सरकार आज अहंकार और घमंड में चल रही है।
NDA सरकार का अहंकार रवैया
सीएम गहलोत ने निशाने साधते हुए कहा कि जब से एनडीए सरकार बनी है, उनका अहंकार का रवैया लगातार बढ़ता जा रहा है। जिस तरह से वे विपक्ष के साथ व्यवहार कर रहे हैं वह किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। यह कोई दुश्मनी का खेल नहीं है। राजनीति और लोकतंत्र में लड़ाई विचारधारा की है। यह लड़ाई पक्ष और विपक्ष के बीच होनी चाहिए। आप सदन के अंदर या बाहर धरना दे सकते हैं, प्रदर्शन कर सकते हैं, अपनी आवाज उठा सकते हैं। ये सब जायज़ है।
हंस रहे है दूनिया के लोग
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अरुण जेटली और सुषमा स्वराज ने संसद के अंदर विरोध प्रदर्शन करते हुए यह बात कही थी। उस वक्त 12-12 दिन तक सदन नहीं चला था, लेकिन उन्हें इस तरह नहीं निकाला गया था। कार्यवाही बार-बार स्थगित की जाएगी, अध्यक्ष के कक्ष में बैठकें की जाएंगी, समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा और कोई मुद्दा निकाला जाएगा, ताकि सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हो सके, लेकिन सांसदों को निष्कासित कर दिया जाएगा। आज देश ही नहीं दुनिया भर में लोग हंस रहे होंगे।
मुझे इस देश की चिंता है – गहलोत
वहीं, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आगे कहा कि मुझे हारने का जितना दुख नहीं है उतना मुझे इस देश की चिंता है कि देश में क्या हो रहा है। हार-जीत तो होती है, मैंने राजस्थान में अपना फर्ज़ पूरा किया। देश में जो हो रहा है उस पर लोगों को चिंतित होना चाहिए।
डोनेशन फॉर देश का करें समर्थन
कांग्रेस के 'डोनेशन फॉर देश' अभियान को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किए गए वीडियो में आप सभी समझ सकते हैं। आज देश में जो स्थिति उत्पन्न हो गई है, सत्ताधारी दल (भाजपा) को एक तरफा चंदा मिल रहा है। बाकी पार्टियों पर परोक्ष रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। वे डराते-धमकाते हैं। इसलिए कोई दान नहीं कर सकता। ऐसे में लोकतंत्र कैसे बचेगा? लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए जरूरी है कि हम इस अभियान का समर्थन करें।