वह दौर… जब राहुल गांधी की दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भी दो-दो बार लोकसभा सदस्यता हुई थी रद्द
मानहानि मामले में दोषी पाए जाने को लेकर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। जिससे राहुल गांधी को ही नहीं पूरी कांग्रेस को करारा झटका लगा है। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होना साल 1975 की तरफ लेकर जाता है, जब इंदिरा गांधी की लोकसभा से सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी।
1971 के लोकसभा चुनाव में धोखाधड़ी का मामला
दरअसल साल 1971 में जब लोकसभा चुनाव हुए थे, तब इंदिरा गांधी पर उनके प्रतिद्वंदी राजनारायण ने धोखाधड़ी से चुनाव जीतने का आरोप लगाया था और इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस दायर किया था। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा ने इंदिरा गांधी को इस मामले में दोषी करार दिया था। राजनारायण की इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में 7 मुद्दों में से 5 में जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा ने इंदिरा गांधी को राहत दी थी लेकिन दो मामले ऐसे थे जिनमें इंदिरा गांधी दोषी पाई गईं थीं।
दोषी करार देने के बाद अदालत ने इंदिरा गांधी के खिलाफ फैसला सुनाया था। उन्होंने अगले 6 सालों तक लोकसभा या विधानसभा को चुनाव लड़ने के लिए इंदिरा गांधी को अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके साथ ही उनकी सदस्यता भी चली गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी आंशिक राहत, लगी इमरजेंसी
लेकिन इस फैसले के खिलाफ इंदिरा गांधी सुप्रीम कोर्ट तक चली गईं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट के जज वीआर कृष्ण अय्यर ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्थगन आदेश दिया। हालांकि यह पूर्ण स्थगन आदेश नहीं था, इस फैसले में यह कहा गया था कि इंदिरा गांधी की सदस्यता रद्द नहीं होगी, वह संसद की कार्यवाही में भाग लेंगी लेकिन वे किसी भी मुद्दे पर या बिल कानून पर वोट नहीं कर सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी घोषित कर दी थी।
1978 में भी सदस्यता हुई थी रद्द
वहीं साल 1978 में भी इंदिरा गांधी पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगा था, जिसमें वह दोषी पाई गईं थीं। इस मामले में भी उनकी लोकसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया गया था। हालांकि इस फैसले को लेकर इंदिरा गांधी ने यह ऐलान किया था कि फिर से चुनाव लड़ेंगी और जीतकर लोकसभा में वापस आएंगी। इसके बाद साल 1980 में जब मध्यावधि चुनाव हुए तब इंदिरा गांधी प्रचंड बहुमत से जीत हासिल कर लोकसभा में पहुंच गईं थीं।