लेटेस्ट स्टडी के नतीजे, चींटियां लगा सकती हैं कैंसर का पता
कैंसर हर साल लाखों लोगों की जान लेता है। इसका ट्रीटमेंट काफी महंगा है। इसकी जांच में भी काफी पैसा खर्च हो जाता है, लेकिन अब वैज्ञानिकों का कहना है कि यूरिन और पसीने में मौजूद केमिकल को सूंघकर चीटियां कैंसर की पहचान कर लेंगी यानी किसी बड़े टेस्ट और महंगे टेस्ट से से पहले ही अब कैंसर का पता लगाया जा सकेगा।
वैज्ञानिकों का दावा है कि चींटियां यूरिन की गंध सूंघकर बताएंगी है कि कैंसर या ट्यूमर है या नहीं। इन रिसर्चरों ने ये भी कहा कि चींटियों की नाक नहीं होती है, लेकिन उनके पास गंध की अविश्वसनीय फीलिंग होती है।
इस तरह की गई जांच
ये स्टडी यूरोप और दक्षिण एशिया में पाए जाने वाले फॉर्मिका फ्स्यू का चींटियों पर हुई थी। रिसर्च के दौरान रिसर्चरों ने चूहों पर ह्मयूमन ब्रेस्ट कैंसर ट्यूमर के टुकड़े लगाए। इसके बाद उन्होंने फॉर्मिका फुस्का नाम की प्रजाति की 35 चींटियों को ट्यूमर वाले और बिना ट्यूमर वाले चूहों की यूरिन के नमूने के पास छोड़ा। रिसर्च में सामने आया कि स्वस्थ चूहों की तुलना में चींटियों ने कैंसरग्रस्त चूहों की यूरिन के आसपास काफी अधिक समय बिताया।
चींटियां बनी बायो-डिटेक्टर
इससे पहले फ्रांस की राजधानी पेरिस में सोरबोन पेरिस नॉर्ड विश्वविद्यालय के रिसर्चर प्रोफेसर पेट्रीजिया डी’ एटोरे ने बताया था कि चींटियों को बायो-डिटेक्टर के रूप में इस्माल ते किया जा सकता है, ताकि स्वस्थ व्यक्तियों को ट्यूमर से पीड़ित लोगों से अलग किया जा सके। यह रिसर्च जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी बी: बायोलॉजिकल साइंसेज में प्रकाशित हुई थी।
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