भारत में बढ़ रहा Anemia, तकरीबन 55% महिलाओं को है खून की कमी
महिलाओं में Anemia होना भारत में एक आम समस्या है। Anemia एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में हेमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है। Anemia की स्थिति में खून में ठीक तरीके से ऑक्सीजन फ्लो नहीं हो पाता है। यह स्थिति महिलाओं को अधिक प्रभावित कर सकती है क्योंकि उनके शारीरिक बदलावों के कारण उन्हें ज्यादा हेमोग्लोबिन की जरूरत होती है, जैसे माहवारी के दौरान खून की हानि और गर्भावस्था के दौरान शिशु के विकास के लिए।
महिलाओं में Anemia के कारण
महिलाओं में Anemia होने के कई कारण हो सकते हैं। गरीब लोगों को भोजन की कमी और पोषक तत्वों की कमी, बच्चों के पैदा होने के दौरान खून की हानि, पूर्ववर्ती रक्तदान, इंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स या विभिन्न रोग जैसे Anemia के कारणों में से कुछ हैं। अतिरिक्त कारणों में विटामिन और मिनरल की कमी, पोषणहीनता, प्रदूषण, खाद्य सुरक्षा, खाद्य संगठनों की कमी और उच्च मातृत्व मृत्यु दर भी शामिल हो सकती हैं।
भारत सरकार और NGO ने इस समस्या को संभालने के लिए कई उपाय अपनाए हैं। मात्रा बढ़ाने और पोषण को सुनिश्चित करने के लिए आहार में पोषक तत्वों की विविधता शामिल करना महत्वपूर्ण है। सरकार ने महिलाओं के लिए आयोडाइज़्ड नमक वितरित करना शुरू किया है, जो योग्य आहार का स्रोत हो सकता है। गर्भवती महिलाओं के लिए उचित प्रीनेटल केयर, रक्तदान को प्रोत्साहित करने के उपाय और महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने जैसे अन्य उपाय भी अपनाए गए हैं।
खाद्य संबंधित कारण
पोषक तत्वों की कमी वाला आहार खाने से एनीमिया हो सकती है। यह मुख्य रूप से आयरन, विटामिन बी12, फोलिक एसिड, विटामिन सी और विटामिन ए की कमी के कारण हो सकता है।
आयरन की कमी
आयरन एनीमिया सबसे आम Anemia का प्रकार है। इसके पीछे कारण आहार में आयरन की कमी, खून की हानि, खाने की अवशोषण की समस्या, अंतःदाह, प्रदाह, अल्कोहलिज्म, गर्भावस्था, विषम दिनचर्या, ग्रस्तावस्था, आंतिक रोग या जीवाणु संक्रमण हो सकते हैं।
गर्भावस्था
मां के गर्भावस्था के दौरान, गर्भी महिलाओं को आयरन की ज्यादा मात्रा की आवश्यकता होती है, और उनके शरीर को इसकी पूर्ति करने के लिए पर्याप्त आहार की आवश्यकता होती है। इसके अभाव में गर्भी महिला एनीमिया का शिकार हो सकती है।
ब्लड डोनेशन
ब्लड डोनेशन के बाद शरीर को रक्त की पुनर्स्थापना करने के लिए समय लगता है। इस कारण से रक्तदान करने वालों को अस्थायी रूप से एनीमिया हो सकती है।
बीमारियाँ
कुछ रोग जैसे कि कुचला, थैलेसीमिया, क्रोमिक रेनल रोग, गठिया, कैंसर, अत्यधिक थकान या मानसिक तनाव आदि एनीमिया का कारण बन सकती हैं।
अन्य कारण
बच्चों के जन्म के दौरान होने वाली खून की हानि, अनुवांशिक एनीमिया, अव्यवस्थित माहवारी, विषाक्त खाद्य पदार्थों का सेवन, विषाक्त पानी का सेवन आदि भी एनीमिया के कारण बन सकते हैं।
भारत में Anemia की स्थिति
NFHS के एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में आधे से ज्यादा यानी कि करीब 55% महिलाओं को एनीमिया का खतरा हो सकता है। ज्यादातर Anemia भारत में 12 से 51 वर्ष की महिलाओं में देखने को मिलता है। इसके अलावा, यूनाइटेड नेशंस (United Nations) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2016 में उम्र के 15 से 49 वर्ष तक की महिलाओं में एनीमिया की प्रतिशत 53.1 प्रतिशत थी।