राजस्थान में बनने लगा रिवाज बदलने का माहौल
नई दिल्ली। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की योजनाओं का असर दिखाई देने लगा है। सूत्रों की माने तो कुछ निजी एजेंसियों के सर्वे में राजस्थान को लेकर बड़ा बदलाव आया है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों निजी एजेंसियों से सर्वे करवा रही हैं। राजस्थान में धीरे-धीरे स्थिति बदल रही है। कांग्रेस जो पहले बहुमत से बाहर थी, वह अब बहुमत का आंकड़ा पार करती दिख रही है।
सूत्र बताते हैं नए सर्वे में कांग्रेस 105 से 110 के आस पास आराम से पहुंच रही है। आने वाले दिनों कांग्रेस और आगे जा सकती है बशर्ते पूरी कांग्रेस मिलकर गहलोत सरकार की योजनाओं का गांव-गांव तक जमकर प्रचार करे। कांग्रेस के लिए एक अच्छी बात यह है कि आमजन में यह चर्चा होने लगी है कि अगर मुख्यमंत्री गहलोत को हरवाया तो सभी जन कल्याणकारी योजनाएं बीजेपी सरकार में बंद हो जाएंगी। क्योंकि ऐसा पहले हुआ भी है। जैसे ही कांग्रेस हारती है बीजेपी सभी योजनाओं को बंद कर देती है।
OPS का केंद्र सरकार कर रही है विरोध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ओपीएस का विरोध लगातार कर रहे हैं। इसके चलते जनता इस बार रिवाज बदलने के मूड में अभी से दिखाई देने लगी है। कांग्रेस के पक्ष में अभी से माहौल बनने लगा है। माहौल आगे बदलेगा लगता नहीं है। राजस्थान की जनता ने 2018 में भी बहुत पहले से अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए वोट देने का मन बना लिया था। कमोवेश वहीं हालात अभी से बनते दिख रहे हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत की ओपीएस योजना के चलते सरकारी कर्मचारी अभी से मुख्यमंत्री गहलोत के साथ खड़ा है। आमजन चिरंजीवी योजना के तहत 25 लाख तक के मुफ्त इलाज को लेकर बहुत खुश है। 200 यूनिट बिजली मुफ्त भी बड़ा असर डाल रही है। शहरी रोजगार गारंटी योजना से शहर के बेरोजगार खुश है। गरीब को 500 रुपए का सिलेंडर योजना की तो देशभर में चर्चा है। किसान कर्जा माफी, 2000 यूनिट तक बिजली मुफ्त, सामाजिक सुरक्षा के तहत कई मद में दी जा रही मदद और पेंशन का भी असर है।
विरोधियों के दुष्प्रचार से बना पक्ष में माहौल
पिछले कार्यकाल में हुई गलतियों से सबक लेते हुए मुख्यमंत्री गहलोत इस बार आपसी झगड़ों में उलझे नहीं, बल्कि खुद ही अपनी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने में सफल रहे हैं। विरोधियों द्वारा किया जा रहा दुष्प्रचार भी उनके पक्ष में जाता दिख रहा है। आम जन समझने लगा है कि विरोधी मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ मीडिया में माहौल बना बीजेपी की मदद कर रहे है। मुख्यमंत्री गहलोत अगर इसी हिसाब से चलते रहे तो सरकार की वापसी में कोई अड़चन नहीं है।