अमेरिका का ‘चंद्रयान’ नहीं तैयार, आर्टेमिस मिशन लॉन्चिंग में होगा विलंब
वॉशिंगटन। नासा ने 50 साल पहले इंसान को पहली बार चांद पर भेजा था। एक बार फिर नासा का यही लक्ष्य था, जिसके तहत उसने आर्टेमिस मिशन शुरू किया है। इस मिशन के जरिए नासा का लक्ष्य है कि 2025 तक इंसानों को चांद पर फिर भेजा जाए। शायद अब इस मिशन में देर हो जाए। अब नासा ने भी कहा है कि वह फिलहाल अपने आर्टेमिस मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारने में सक्षम नहीं हो सकता है। एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान नासा में एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर जिम फ्री ने संकेत दिया कि स्पेस एक्स की ओर से तैयार किए जा रहे लैंडिंग सिस्टम के कई महत्वपूर्ण घटकों को विशेष ध्यान देकर तैयार करने की जरूरत है। अगर यह तत्व निर्धारित समय पर पूरा नहीं होता है तो इस बात की संभावना है कि इसकी जगह एक वैकल्पिक मिशन शुरू किया जा सकता है।
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आर्टेमिस प्रोग्राम के तहत कई मिशन
आर्टेमिस प्रोग्राम के तहत नासा कई मिशन लॉन्च करने की रणनीति बना रहा है, जो जटिलता में बढ़ोतरी करते हैं। इसके तहत नासा के दो प्रमुख लक्ष्य हैं। पहला चंद्रमा पर फिर से इंसानों को भेजा जाए और दूसरा तकनीकी प्रयोग के लिए एक स्थाई बेस बनाया जाए, जो मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजने का रास्ता साफ करेगा। आर्टेमिस 1 के तहत साल 2022 में पहला मिशन लॉन्च किया गया था, जिसके तहत बिना इंसानों वाला एक स्पेसक्राफ्ट भेजा गया था।
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सबसे महत्वपूर्ण मिशन-2025
अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षण आर्टेमिस 3 मिशन रहेगा, जिसके तहत दिसंबर 2025 का समय निर्धारित किया गया था। इस बार सबसे बड़ा लक्ष्य मनुष्यों को दक्षिणी ध्रुव पर ले जाने का है, साथ ही वहां बर्फ को रॉकेट ईंधन में बदलने का है। स्पेस एक्स के मालिक एलन मस्क के नेतृत्व में कंपनी ने मिशन के लैंडिंग सिस्टम का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था, जो उसके स्टारशिप रॉकेट प्रोटोटाइप का एक संस्करण है। हालांकि यह स्टारशिप रॉकेट तैयार होने से अभी दर है।