नदबई में हिंसा के बाद अंबेडकर की प्रतिमा लगाने का कार्यक्रम स्थगित
भरतपुर। जिले के नदबई कस्बे में भीमराव अंबेडकर और महाराजा सूरजमल की प्रतिमाएं लगाने को लेकर शुरू हुआ विवाद बुधवार देर रात हिंसा में तब्दील हो गया। ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव और भरतपुर-नदबई स्टेट हाईवे पर जाम लगा दिया। नदबई के बैलारा चौराहे पर 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर डॉ भीमराव अंबेडरक की प्रतिमा स्थापित करने की योजना थी, जिस तनाव को देखते हुए स्थगित कर दिया गया है।
नदबई के एसडीएम जोगेंद्र सिंह ने बतया कि भड़के ग्रामीणों को शांत करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, नदबई पंचायत समिति के उप प्रधान भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हमें किसी जाति से ईष्र्या नहीं है। लेकिन, हम मुख्य चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाने की मांग कर रहे है। । एडिशनल एसपी रघुवीर सिंह ने कहा कि जिस स्थान पर अंबेडकर की प्रतिमा लगाए जाने का प्रस्ताव है, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है।
अनिरुद्ध ने लगा दी थी तस्वीर
नदबई में चल रहे मूर्ति विवाद में एक तरफ तो प्रशासन ने मूर्ति स्थापना कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। वहीं दसरी तर ू फ, मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने बेटे अनिरुद्ध सिंह ने बैलारा पहुंचकर पंचायत का आयोजन के बाद चौराहे पर पहुंचकर पिलर का पूजन किया और महाराजा सूरजमल की तस्वीर लगा दी। बाद में प्रशासन ने पिलर को सील कर दिया है, अब प्रशासन ने पिलर को चारों से तरफ से कपड़े से ढंक दिया गया है।
विश्वेन्द्र की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद भड़की हिंसा
महाराज सूरजमल की प्रतिमा लगाने को लेकर धरना 10 अप्रैल को कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के प्रतिमाओ की जगह बदलने की मांग को पूरा करने का आश्वासन देने के बाद वापस ले लिया गया था। जाट समाज के लोगों को जब पता चला कि उनकी मांग पूरी नहीं की जाएगी, तो तनाव बढ़ गया, क्योंकि विश्वेंद्र सिंह ने बुधवार शाम नदबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए घोषणा की कि बेलारा चौराहा पर अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
कौन-सी प्रतिमा कहां लगे, इस पर विवाद
भरतपुर के संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा की अध्यक्षता वाली समिति ने नदबई कस्बे के कुम्हेर चौराहा, बैलारा चौराहा और नगर चौराहा पर भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल, भीम राव अंबेडकर और भगवान परशुराम की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय किया था, लेकिन नौ अप्रैल को जाट समाज के लोगों ने प्रशासन के इस फै सले के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने गांव के मुख्य स्थान बेलारा चौराहा पर अंबेडकर की जगह सूरजमल की प्रतिमा लगाने की मांग की।