For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

आकाश में अद्भुत नजारा : आज हमारे करीब आ रहे ‘चंदा मामा’

खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए अगस्त का महीना काफी दिलचस्प रहेगा। दरअसल, इस महीने एक नहीं, बल्कि दो फुल मून नजर आने वाले हैं और दोनों ही सुपरमून हैं। इनमें से पहला फुल मून मंगलवार (1 अगस्त) को नजर आएगा, जिसे स्टर्जन मून के रूप में जाना जाता है।
08:28 AM Aug 01, 2023 IST | BHUP SINGH
आकाश में अद्भुत नजारा   आज हमारे करीब आ रहे ‘चंदा मामा’

वॉशिंगटन। खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए अगस्त का महीना काफी दिलचस्प रहेगा। दरअसल, इस महीने एक नहीं, बल्कि दो फुल मून नजर आने वाले हैं और दोनों ही सुपरमून हैं। इनमें से पहला फुल मून मंगलवार (1 अगस्त) को नजर आएगा, जिसे स्टर्जन मून के रूप में जाना जाता है। सुपरमून होने के कारण यह चंद्रमा सामान्य फुल मून की तुलना में थोड़ा बड़ा और अधिक चमकीला दिखाई देता है, जिस वजह से इसका नजारा देखते ही बनता है। ‘स्टर्जन मून’ नाम का एक ऐतिहासिक महत्व है। यह तब रखा गया था, जब मूल अमेरिकियों, औपनिवेशिक अमेरिका और यूरोपीय लोगों ने फुल मून को देखा और उनके लिए खासतौर पर नाम दिए। सुपरमून तब दिखाई देता है जब चंद्रमा की कक्षा उसे सामान्य से अधिक पृथ्वी के करीब लाती है। यही कारण है कि आसमान में देखने वालों के लिए यह एक अद्भुत नजारा होता है।

Advertisement

यह खबर भी पढ़ें:-एलियन हैं या ब्रह्मांड में अकेले हैं इंसान! रहस्यों को खोज रहा नासा

इस माह में दिखेंगे दो सुपरमून

1 अगस्त को स्टर्जन मून 2:32 बजे अपने पीक पर होगा। सूर्यास्त के बाद जब यह दक्षिण-पूर्व क्षितिज से ऊपर उठे गा तब यह पूरी तरह दिखाई देगा। ‘सुपरमून’ का टैग इसकी सुंदरता को बढ़ाता है, जिससे यह आम फुल मून की तुलना में बड़ा और चमकीला दिखाई देता है। साल 2023 सुपरमून के लिहाज से बेहद खास है, जिसमें कुछ चार ऐसी घटनाएं होंगी। 30 अगस्त का फुल मून एक ब्लू मून होगा, जो अगस्त महीने का दूसरा फुल मून होगा।

यह खबर भी पढ़ें:-Virgin Birth: ये मक्खी बिना नर के पैदा करेगी संतान

जुलाई में दिखा पहला सुपरमून

हर फुल मून का नाम सांस्कृ तिक महत्व रखता है और यह विभिन्न परंपराओं से जुड़ा होता है। इससे पहले 3 जुलाई को दुनिया के कई हिस्सों सुपरमून देखा गया था। यह साल का पहला सुपरमून था, जिसे ‘बक मून’ भी कहा गया। इस दौरान चंद्रमा और पृथ्वी के बीच 3,61,934 किमी की दरूी थी, जो सामान्य से 22,466 किमी कम थी। एक आम फुल मून की तुलना में 5.8 प्रतिशत बड़ा और 12.8 प्रतिशत चमकीला नजर आया था।

.