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खाद और गोबर के उपले बेचकर ‘अमनप्रीत’ बन गए Amazon के टॉप सेलर

महज छह साल पहले शून्य से शुरू हुआ अमनप्रीत सिंह के GAU Organics स्टार्टअप का ये सफर आज सात करोड़ के सालाना टर्नओवर के आंकडे़ को छू गया।
09:51 AM Sep 28, 2022 IST | Sunil Sharma
खाद और गोबर के उपले बेचकर ‘अमनप्रीत’ बन गए amazon के टॉप सेलर

मेहनत और हौसले की बदौलत कोटा के इंजीनियर अमनप्रीत सिंह ने ‘जहां चाह वहां राह’ इस कहावत को सही साबित कर दिया है। महज छह साल पहले शून्य से शुरू हुआ अमन का ये सफर आज सात करोड़ के सालाना टर्नओवर के आंकडे़ को छू गया। 120 एकड़ में वे गऊ ऑर्गेनिक डेयरी नामक स्टार्टअप से वे दूध बिलौना घी, वर्मी कम्पोस्ट, केंचुआ व गोबर खाद बेचकर सात करोड़ रूपए कमा रहे हैं।

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उनके पास हैं 300 से ज्यादा गाएं

उनके पास तीन सौ से ज्यादा गाएं हैं, उनका पूरा आहार वे अपने खेत में ऑर्गेनिक तरीके से उगाते हैं। 31 वर्षीय अमन की रुचि कृषि में थी इसीलिए उन्होंने 2013 में बीटेक के बाद डेयरी फार्म की बारीकी सीखने के लिए NDRI से पीजी की।

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गांव में जाकर गाय, गोबर और दूध का कारोबार करने पर उन्हें लोगों से खूब ताने सुनने को मिले लेकिन अमन ने इसे दिल पर नहीं लिया। फिर वह समय आया जब वही लोग उन्हें शाबासी देते नहीं थक रहे हैं। अमन ने अमूल व नेस्ले जैसी कंपनियों में नौकरी भी की लेकिन नौकरी से उन्हें वो संतुष्टि नहीं मिली जिसकी उन्हें तलाश थी।

गायों के स्वास्थ्य पर देते हैं पूरा ध्यान

अमन ने कुछ गायों के साथ काम की शुरूआत की बिजनेस बढ़ता गया और गायों की संख्या भी। अपने स्टार्टअप में अमन ने टैक्नीक्स का पूरा ध्यान रखा है। जहां गायों की सेहत और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है। गायों को फिल्टर पानी दिया जाता है तथा ऑटोमेशन के जरिए बाड़ों में तापमान नियंत्रित रखा जाता है ताकि गाएं स्वास्थ रहें ।

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उनके फार्म पर गोबर और गंदगी को मशीनों से हर दो घंटे में सफाई की जाती है ताकि मक्खियां और दूसरे कीट गायों को परेशान नहीं करें और कोई बीमारी उनमें ना फैल सके । गाय का दूध भी उन्हें वॉशर से नहलाने के बाद ही निकाला जाता है। सारा काम ऑटोमेशन के जरिए होता है जो दूसरों के लिए सुरक्षित है।

जरूरत की बिजली खुद बना रहे

अमन गोबर और गौमूत्र से खाद और बिजली भी बनाते हैं। इसके लिए गोबर-गौमूत्र को एक टैंक में एकत्र किया जाता है और फिर इसे बायोगैस प्लांट में भेज दिया जाता है, जहां इससे बिजली बनती है और इससे निकलने वाली स्लरी को खाद वर्मीकम्पोस्ट बनाने के काम में लिया जाता है। इस प्लांट से वे अपनी जरूरत की अस्सी फीसदी बिजली खुद बना लेते हैं।

यहां बनने वाली खाद, वर्मीकम्पोस्ट और गोबर के उपले आदि को वे बाजार के साथ ऑनलाइन भी सेल करते हैं। अमेजन पर उनकी गऊ ऑर्गेनिक की केंचुआ खाद और वर्मी कम्पोस्ट, गोबर की खाद टॉप सेलर्स में शामिल हैं।

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