अलवर में यात्रा पर हमले के बाद बिगड़ा माहौल! राजेंद्र राठौड़ बोले- राजस्थान में खत्म हुआ कानून का भय
Alwar Communal Tension: राजस्थान का नूंह से सटा इलाका अलवर एक बार फिर सुर्खियों में है जहां फिर सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश होने की खबरें आई हैं. मिली जानकारी के मुताबिक अलवर के रामगढ में खाटू धाम की पदयात्रा पर कुछ अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया जिसके बाद वहां माहौल तनावपूर्ण हो गया. घटना के बाद आरोप लगाया जा रहा है कि समुदाय विशेष के कुछ लोगों ने यात्रा में खलल डालने के लिए हमला किया.
इसके अलावा धार्मिक पोस्टर को फाड़कर पैरों से कुचलने और बस चालक को पीटने का भी आरोप लगाया गया है. इधर घटना के बाद यात्रा में शामिल लोगों का गुस्सा फूट गया और हिंदूवादी संगठन के लोगों ने आक्रोशित होकर थाने में जनकर नारेबाजी की. वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने घटना को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है.
यात्रा पर अज्ञात लोगों ने बोला हमला!
दरअसल, रामगढ़ कस्बे में हर साल की तरह इस बार भी छोटी बावड़ी से पदयात्रा खाटू रींगस के लिए रवाना हुई जहां डीजे पर भजनों के साथ लोग पैदल चल रहे थे और इसके बाद चौकी बास के पास बाइक पर आकर कुछ लोगों ने यात्रा रोकी और कहासुनी के बाद वहां मारपीट शुरू हो गई.
वहीं मामले को गरमाता देख डीएसपी हरेंद्र शर्मा व थानाधिकारी राजपाल चौधरी मौके पर पहुंचे. वहीं घटना के बाद पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं मामले में श्याम सखा मंडल के अध्यक्ष जवाहर तनेजा की शिकायत पर पुलिस ने धार्मिक भावना भड़काने और मारपीट का एक मामला दर्ज किया है.
नेता प्रतिपक्ष ने बोला सरकार पर हमला
वहीं घटना के बाद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अलवर में खाटूश्याम जा रही पदयात्रा की बस पर हमले की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण एवं शर्मनाक है और शांतिप्रिय राजस्थान में उपद्रवियों को कानून व्यवस्था का कोई भय नहीं है. राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार के संरक्षण में जानबूझकर प्रदेश में अराजकता का वातावरण पैदा किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि राज्य में धार्मिक आस्थाओं पर हमले की यह पहली घटना नहीं है इससे पहले चूरू के सुजानगढ़ में प्रसिद्ध सालासर धाम में राम दरबार को तोड़ा गया, करौली में हिन्दू नववर्ष पर जूलूस पर हमला हुआ, जोधपुर में स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की मूर्ति तोड़ने पर दंगे हुए और राजगढ़, अलवर में 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ा गया.