50-60 लोगों ने पथराव कर गैंगरेप के आरोपियों को छुड़ाया, पुलिस ने घर में घुसकर बचाई जान, एक दर्जन पुलिसकर्मी जख्मी
अलवर। जिले के मांचा गांव में अपहरण-मारपीट और गैंगरेप के आरोपियों को पकड़ने गई पुलिस से मारपीट का मामला सामने आया है। किशनगढ़ बास पुलिस की कार्रवाई से गुस्साए परिजनों व ग्रामीणों ने पथराव कर आरोपियों को छुड़ा लिया। इस हमले में थाना प्रभारी सहित एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिसकर्मियों ने घरों में घुसकर बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई। घटना की सूचना के बाद अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा और मौके पर मौजूद घायल पुलिसकर्मियों को लेकर आए। जिन्हें किशनगढ़ बास के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
किशनगढ़ बास के थाना प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि वो सोमवार शाम पुलिस जाब्ता एवं आरएसी के जवानों के साथ निजी वाहन से कोटकासिम तिराए पहुंचे तो मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी सद्दाम उर्फ नबी अहमद व फरदीन अपने घर पर बैठे हुए हैं। इस पर पुलिस जाब्ता कोटकासिम तिराए पर ही रुका और ड्यूटी ऑफिसर ज्ञानचंद को थाने से अतिरिक्त जाब्ता भेजने के निर्देश दिए। करीब 15 मिनट बाद जाब्ता आ गया, जिसमें महिला कांस्टेबल भी शामिल थी।
पुलिस पर पथराव, जान बचाने के लिए घरों में घुसे
आरोपियों को पकड़ने के लिए योजना बनाकर करीब 1 दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी गांव मांचा पहुंचे। वहां पर आरोपी इरशाद और नसरुद्दीन पुत्र हिदायत बरामदे में चारपाई पर बैठे मिले। पुलिस ने उन दोनों को वहां पकड़ लिया और चलने लगे। तभी 50- 60 आदमी और औरतें हाथों में पत्थर व डंडे लेकर आए। लोगों ने पुलिस कर्मियों से मारपीट की और दोनों आरोपियों को छुड़ा लिया। फिर पुलिस पर जबरदस्त पथराव शुरू कर दिया। थाना प्रभारी और जाब्ते ने उनके कमरों में छुपकर किवाड़ अंदर से लगाकर अपनी जान बचाई। इसके बाद भी भीड़ घर पर लगातार पथराव करती रही। पथराव से थाना प्रभारी सहित समस्त पुलिस जाब्ते को चोट आई।
बुलाना पर अतिरिक्त पुलिस जाब्ता
थाना प्रभारी ने मौके से ही पुलिस उपाधीक्षक किशनगढ़ बास को हालात बताकर अतिरिक्त जाब्ता भेजने के लिए कहा और दोनों मुलजिम को छुड़ाकर ले जाने की जानकारी दी। 20 मिनट के बाद पुलिस जाब्ता माँचा गांव पहुंचा तो आरोपी मौके से भाग गए। मौजूद भीड़ वहां कई पुलिसकर्मियों को जातिसूचक शब्दों से गाली दे रही थी। उसके बाद पुलिस ने कमरे में बंद पुलिसकर्मियों को बाहर निकाला। पुलिस के मुताबिक कि दोनों मुलजिम को छुड़ा ले जाने में इश्ताक, समीर, काला, रज्जाक, हुरमत, जाहिरा, राहिला, सल्ली, रस्सी, मनीषा, हसीना, गुगरी, सुक्की, अजमल, शौकत निवासी माचा सहित अन्य लोग शामिल थे।
50-60 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
पुलिस ने बताया कि हजमत फोजी के मकान पर आरोपी सद्दाम उर्फ नबी अहमद तथा फरदीन को पकड़ने के लिए गए थे जैसे ही अजमत फौजी के मकान पहुंचे तो घर के आगे 30-40 औरतें और आदमी की भीड़ थी और पुलिस पर पथराव कर रही थी। पुलिस ने इस संबंध में करीब 50-60 लोगों के खिलाफ अपराधियों को छुड़ाकर ले जाने, राजकार्य में बाधा डालने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का मुकदमा दर्ज कराया है। इस मामले की जांच आरपीएस अधिकारी जयप्रकाश बेनीवाल कर रहे है। वहीं, घायल पुलिसकर्मियों का मेडिकल कराया गया है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।