बैंक से लिया 2 लाख का ऋण, फिर फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी, ई-मित्र संचालक सहित 3 आरोपी दबोचे
अलवर। जिले के राजगढ़ थाना पुलिस ने बैंक राशि जमा पर्ची व फर्जी नोडूज प्रमाण पत्र बैंक के लेटर पैड पर तैयार कर बैंक से धोखाधड़ी करने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। थाना प्रभारी ने बताया कि 2 जनवरी को परिवादी ने थाने में रिपोर्ट दी कि भारतीय स्टेट बैंक शाखा राजगढ़ से रामधन पुत्र पांया राम, छोटेलाल मीणा पुत्र रामधन मीणा निवासी ग्राम सकट ने 2 लाख 19 हजार रुपए का केसीसी ऋण लिया। लेकिन, उसके खाते में अभी 3 लाख 32 हजार रुपए बकाया निकल रहे हैं।
फर्जी कागजात तैयार कर धोखाधड़ी
शाखा के फील्ड ऑफिसर सूर्यप्रकाश को 29 दिसम्बर को पता चला कि ऋणी छोटेलाल मीणा ने फर्जी नोडूज बैंक के लेटर पैड पर 23 दिसम्बर को बनाकर तहसीलदार राजगढ़ के यहां स्वयं की आराजी खसरा नम्बर 2495, 2553, 2741, 2757, 905 और 908 कुल रकबा 2.07 हैक्टीर में रामधन पुत्र पांचूराम का हिस्सा रहन फक्कम करने बाबत पेश किया। हमारे द्वारा नोडूज 23 दिसम्बर को देखने पर पता चला कि यह नोडूज हमारी शाखा के फर्जी लैटर पैड पर तैयार किया गया है। जिस पर हमारे बैंक के किसी अधिकारी के हस्तापक्षर नहीं है और ना ही बैंक के किसी अधिकारी द्वारा जारी किया गया है। इस पर फील्ड ऑफिसर ने सकट गांव जाकर जानकारी जुटाई।
फील्ड ऑफिसर ने गांव में जाकर की जांच तो खुला राज
इस दौरान ऋणी के द्वारा बैंक में 1,72,000 रूपए की 21 जनवरी की जमा पर्ची बताई एवं 23 दिसम्बर का बैंक द्वारा जारी नोडूज प्रमाण पत्र बताया। फिल्ड ऑफिसर द्वारा पर्ची देखने पर मालूम हुआ कि वह जमा पर्ची फर्जी है। ऋणी द्वारा 21 नवम्बर को बैंक में कोई 1,72,000 रूपये जमा नहीं करवाए गए हैं। इस प्रकार से ऋणी छोटेलाल मीना पुत्र रामधन मीणा, निवासी सकट तहसील राजगढ़, जिला अलवर के द्वारा फर्जी जमा पर्ची व फर्जी नोडूज प्रमाण पत्र बैंक के लेटर पैड पर तैयार कर बैंक की राशि का गबन करने की भी कोशिश की। जबकि ऋणी की तरफ से आज भी बैंक के करीब 3 लाख 20 हजार रुपए बकाया निकल रहे हैं। इस संबंध में 30 दिसम्बर को तहसीलदार राजगढ़ को भी लिखा जा चुका है। इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
धोखाधड़ी मामले में ये आरोपी गिरफ्तार
जांच में जुटी पुलिस ने फर्जी कागजात तैयार कर बैंक से धोखाधड़ी मामले में सरगना छोटेलाल मीणा पुत्र रामधन मीणा निवासी सकट, हीरालाल सैनी पुत्र गंगालहरी सैनी निवासी राजगढ़ और राकेश कुमार सैनी पुत्र लहरीराम निवासी धौलाखोजा की कोठी को गिरफ्तार किया।
आरोपियों ने कबूला गुनाह
पूछताछ में आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि केसीसी ऋण की राशि को एसबीआई बैंक में कम करवाने के लिए दस्तावेजों में कांटछांट की गई। पूछताछ में खुलसा हुआ कि आरोपियों के कहने पर ई-मित्र संचालक ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। जिस पर पुलिस ने ई-मित्र संचालक को भी गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।