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आरक्षण के साथ-साथ अब नई मांगों को लेकर NH-21 पर डटा माली समाज, वार्ता में नहीं बनी सहमति, लगातार 7वें दिन नेटबंद

माली समाज अब आरक्षण के साथ-साथ नई मांगों को लेकर जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर डटे हुए है।
04:03 PM Apr 27, 2023 IST | Anil Prajapat

भरतपुर। माली समाज अब आरक्षण के साथ-साथ नई मांगों को लेकर जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर डटे हुए है। प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को भी नेशनल हाईवे जाम रखा। माली समाज के धरना-प्रदर्शन के चलते लगातार 7वें दिन भी नेटबंद है। इधर, आंदोलन के अगुआ नेता और संयोजक मुरारी लाल सैनी सहित 6 सदस्यीय कमेटी ने प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखी। आंदोलनकारियों की मांग है कि मृतक को शहीद का दर्जा दिया जाएं। साथ ही मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपए की सहायता राशि दी जाएं।

दरअसल, सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पृथक 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर माली समाज के लोगों ने 21 अप्रैल की शाम जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे जाम किया गया था। 25 अप्रैल को जयपुर में सरकार से लिखित समझौते के बाद प्रदर्शनकारियों को हाईवे से हटना था। लेकिन, उसी दिन सुबह आंदोलन स्थल से कुछ ही दूरी पर अरोदा गांव के पास आंदोलनकारी मोहन सिंह ने सुसाइड कर लिया था। मृतक की जेब से सुसाइड नोट भी मिला था। जिसमें उसने लिखा था कि हम आरक्षण लेकर रहेंगे। बस फिर क्या था, सभी आंदोलनकारी अब मृतक के परिजनों को सरकार से सहायता दिलाने के लिए एकजुट हो गए है।

प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष रखी तीन मांग

नेशनल हाइवे-21 पर स्थित बेरी गांव के समीप निजी होटल में गुरुवार सुबह संघर्ष समिति के पदाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच वार्ता हुई। इस दौरान संघर्ष समिति संयोजक मुरारी लाल सैनी और कमेटी के 6 सदस्यीय दल ने उच्च अधिकारियों को मांगों के बारे में अवगत कराया और मामले का उचित हल निकालने के लिए कहा। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि मृतक के परिजन, एक करोड़ रुपए की सहायता राशि और मृतक को शहीद का दर्जा दिया जाए।

जिस पर प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत कराकर उचित हल निकाला जाएगा। इस दौरान एसडीएम वैर ललित मीणा, सीओ अजय शर्मा सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। इससे पहले मोहन सिंह के परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग को लेकर बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों और आंदोलनकारियों के बीच वार्ता हुई थी, लेकिन सहमति नहीं बन पाई थी।

अभी तक नहीं हुआ शव का पोस्टमार्टम

नदबई के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) नीतिराज सिंह ने कहा कि माली समाज का आंदोलन अब भी जारी है। तंबुओं में डेरा डाले प्रदर्शनकारियों ने अरौदा गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-21 पर एक किलोमीटर तक सड़क को अवरुद्ध किया हुआ है। प्रदर्शनकारियों की मांगों पर वार्ता की जा रही है। मोहन सिंह के परिवार के लोगों ने शव लेने से इनकार कर दिया। जिसके कारण अभी तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है।

उन्होंने बताया कि मृतक के परिजन और आंदोलनकारी आश्रित को सरकारी नौकरी, एक करोड़ रुपए मुआवजा और शहीद का दर्जा देने की मांग पर अड़े हुए है। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आने वाले माली समुदाय के सदस्य अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण, एक अलग ‘लव-कुश कल्याण बोर्ड’ के गठन और समुदाय के बच्चों के लिए छात्रावास सुविधा की मांग कर रहे हैं।

नेटबंदी से आमजन परेशान

इधर, सैनी समाज की हड़ताल के चलते 21 अप्रैल से नेटबंदी चल रही है। जिसके कारण आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि 21 अप्रैल को प्रशासन ने वैर, भुसावर और नदबई तहसील में नेटबंदी की घोषणा की थी। ऐसे में आंदोलन को सात दिन बीत चुके है, तभी से नेटबंदी जारी है। अब प्रशासन ने गुरुवार रात 12 बजे तक के लिए नेटबंदी भी बढ़ा दी है।

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