तहसीलदार को घूस देने के लिए नहीं थे 2 लाख रुपए, किसानों ने अपने 9 बच्चों को रखा गिरवी
जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले में कुछ किसानों ने तहसीलदार से परेशान होकर अपने बच्चों को तहसील कार्यालय में गिरवी रख दिया। तहसीलदार पर खातेदारी के मामले में रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए पीड़ित परिवार अपने 9 बच्चों को छोड़कर चले गए। देर रात तक जब बच्चे ऑफिस में हाथों में तख्ती लिए बैठे रहे तो हड़कंप मच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम अर्चना व्यास मौके पर पहुंची और बच्चों को उनके घर पहुंचाया। वहीं, प्रशासन ने परिजनों के खिलाफ जेजे एक्ट (जुवेनाइल जस्टिस एक्ट) में मुकदमा दर्ज कराया है।
जानकारी के अनुसार, जिले के फलोदी तहसील के ढढू गांव के 13 किसान अपने नौ बच्चों के साथ फलोदी तहसील कार्यालय पहुंचे। किसानों का आरोप है कि जमीन बंटवारे के बाद उन्हें मालिकाना हक मिलना था, जिसके एवज में तहसीलदार 2-2 लाख रुपए रिश्वत मांग रहा है। पैसों का इंतजाम नहीं होने पर वे बच्चों को बतौर गिरवी वहीं छोड़कर जा रहे हैं।
इस मामले को लेकर किसानों का आरोप है कि 13 लोगों और एक अन्य की जमीन का बंटवारा करवाने का मामला था। जमीन का बंटवारा करने के मामले को लेकर 14 किसानों के हिस्से की जमीन को चिह्नित कर उनके कागजात बनवाने थे। 2 मई को प्रशासन ने एक किसान के जमीन के कागज तैयार कर दिए। ऐसे में जमीन के बाकी 13 खातेदारों ने आरोप लगाया कि तहसीलदार उनके दस्तावेज बनाने के लिए 2 लाख की रिश्वत की मांग कर रहा है।
ऐसे में बुधवार सुबह सभी किसान 9 बच्चों को लेकर फलोदी तहसीलदार हुक्मीचंद के पास पहुंचे। बच्चों के हाथों में नारे लिखे कागज और तख्तियां थमा दी। बुधवार रात सभी बच्चे वहीं बैठे रहे। शुरूआत में तहसील में मौजूद कर्मचारियों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जैसे-जैसे शाम होने लगी तो प्रशासन में हड़कंप मच गया। इधर, जैसे ही अधिकारियों को इसकी खबर मिली वे मौके पर पहुंचे। इसके बाद एसडीएम अर्चना व्यास ने तहसीलदार ऑफिस के सामने बैठे बच्चों से बातचीत की, लेकिन बच्चे उठने के लिए तैयार नहीं हुए। एसडीएम ने बच्चों को वहां से ले जाने के लिए पुलिस बुलाई। बाद में देर रात को सरपंच से बात कर आपसी समझाइश कर बच्चों को वापस गांव भेज दिया गया है।
फलोदी एसडीएम अर्चना व्यास ने बताया कि कोर्ट में बंटवारे का मामला चल रहा है। मौका स्थिति बनाने के लिए दोनों पक्ष सहमत थे, लेकिन सहमति बनी नहीं है। एसडीएम ने बच्चों को कार्यालय में छोड़कर जाने पर किसानों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दी है। वहीं इस मामले में तहसीलदार हुक्मीचंद का कहना है कि खातेदारों के अनुरोध पर कोर्ट ने पीडी जारी करने का कहा है, लेकिन अभी तक जारी नहीं हुई है। साथ ही उसने रिश्वत के आरोपों को निराधार बताया है। वहीं इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर फलोदी को जांच के आदेश दिए हैं।